जहां सामान्य पार्किंग भी रहती है रिक्त, वहां पर्यावरण को नुकसान कर अंडरग्राउंड पार्किंग की क्या जरूरत?’ -जनता का सवाल
रामदिनेश यादव / मुंबई
आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी, जितने की मुर्गी नहीं उतने का मसाला! कुछ ऐसा ही बांद्रा लिंकिंग रोड के पास पटवर्धन पार्क के नीचे मनपा द्वारा बनाई जाने वाली अंडरग्राउंड पार्किंग को लेकर घटित हो रहा है। दरअसल, यहां मनपा १.४ हेक्टेयर में ७४ करोड़ रुपए खर्च कर २७६ कार के लिए अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने की तैयारी में है, लेकिन यहां एक कार पार्किंग के लिए ३० लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। साथ ही बने बनाए हरित गार्डन को उखाड़ कर दर्जनों बड़े वृक्षों को नष्ट किया जाएगा। अंडरग्राउंड पार्किंग के लिए गैर जरूरी स्पॉट पटवर्धन पार्क के चयन को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि पटवर्धन पार्क में अंडरग्राउंड पार्किंग योजना जबरन लोगों पर थोपी जा रही है। यह एक सफेद भ्रष्टाचार है। यहां अगल-बगल सामान्य पार्किंग की जगह रिक्त रहती है ऐसे में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाकर नई अंडरग्राउंड पार्किंग की क्या जरूरत है? मनपा इतने बड़े पैमाने पर फिजूलखर्ची क्यों कर रही है? ऐसा सवाल उठने लगा है।
अगल-बगल एक हजार से
ज्यादा पार्किंग, ज्यादातर रिक्त
स्थानीय समाज सेवक ने बताया कि बांद्रा पटवर्धन पार्क के आस-पास लगभग एक हजार कार पार्किंग की व्यवस्था है। यहां अगल-बगल में ५ मॉल हैं, मनपा की एक पार्विंâग इमारत, इसके अतिरिक्त १५५ कामर्शियल, १६० पब्लिक पार्किंग, १४२ पब्लिक पार्किंग, इसके अलावा १.३ एकड़ में पार्किंग व्यवस्था है। सड़क के किनारे भी बड़ी संख्या में पार्किंग की व्यवस्था उपलब्ध है। इसलिए अतिरिक्त पार्विंâग आवश्यकता नहीं है। फिर आखिर मनपा जबरदस्ती क्यों अंडरग्राउंड पार्किंग बना रही है।
जितने की कार नहीं उतने की पार्किंग, जनता के पैसे की बर्बादी
पार्किंग का विरोध करनेवाले सोशल वर्कर जोरू बथेना ने कहा कि यहां अंडरग्राउंड पार्किंग बनाना मतलब जनता के पैसे की बर्बादी करना है। जब यहां पहले ही पार्किंग के लिए जगह रिक्त रहती है, तो नई अंडरग्राउंड पार्किंग की क्या जरूरत वो भी इतनी महंगी कि एक कार की पार्किंग के पीछे ३० लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। जितने का वाहन नहीं उतने की एक कार के लिए पार्किंग को बनाया जा रहा है। यह काफी महंगा साबित होगा। वास्तव में इसकी आवश्यकता ही नहीं है। इस परियोजना को रद्द किया जाना ही बेहतर विकल्प है।
जबरन थोप रही है मनपा
लौरा आएशा ने कहा कि यह परियोजना की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यूं कहें कि यह परियोजना हम पर जबरन थोपी जा रही है। मनपा और ठेकेदार की मिली भगत से यह जनता के पैसे की लूट है। इसकी तो जांच होनी चाहिए। आखिर किसके कहने पर मनपा इस परियोजना को यहां जबरन लागू करने में जुटी है।
पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि मनपा जनता के पैसे को बेजा खर्च कर रही है। पर्यावरण प्रेमी जोरू बथेना ने कहा कि रावसाहेब पटवर्धन पार्क के नीचे एक अंडरग्राउंड पार्किंग का हमें विरोध है। दरअसल, यहां अंडरग्राउंड पार्किंग संभव नहीं है क्योंकि इस प्लाट पर कई बड़े- बड़े पेड़ हैं। पेड़ का नुकसान करना पर्यावरण के लिहाज से गलत है। हालांकि, मनपा के अधिकारियों ने इन लोगों को आश्वस्त किया है कि यहां पे़ड़ों को कोई नुकसान नहीं होगा, हरित क्षेत्र को बढ़ाया जाएगा।
मनपा की ओर से मुंबई में तीन अंडरग्राउंड पार्किंग बनाने की योजना है। वर्ली, फोर्ट और बांद्रा में अंडरग्राउंड पार्किंग बनाई जाएगी। मनपा के अधिकारियों के अनुसार, बांद्रा में भूमिगत पार्किंग सुविधा की अनुमानित लागत ७४ करोड़ रुपए है। यहां कुल २७६ कारों की पार्किंग क्षमता होगी। हुतात्मा चौक (फ्लोरा फाउंटेन) में ट्रैफिक सिग्नल के नीचे की पार्विंâग की लागत लगभग ६१ करोड़ रुपए है और यहां १७६ कारों के लिए पार्किंग की जगह होगी। वर्ली में अंडरग्राउंड पार्किंग निर्माण की लागत १६५ करोड़ रुपए है और इसमें ६४० कारों को पार्क किया जा सकेगा। मनपा इन तीन प्रस्तावों के तहत कुल १,०४४ कार पार्किंग प्लाट तैयार करेगी।