मुख्यपृष्ठनए समाचारयोगी राज में धर्मांतरण की गाज! ... दो साल में दर्ज हुए ४२७...

योगी राज में धर्मांतरण की गाज! … दो साल में दर्ज हुए ४२७ मुकदमे

• लव-जिहाद में ८३३ हो चुके हैं गिरफ्तार

सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी विधानसभा में चैंलेंज देकर, समाज में बाहर मौजूद गुंडों-माफियाओं को मिट्टी में मिला देने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज में धर्मांतरण की गाज गिर रही है। धर्मांतरण और लव जिहाद जैसे काले धंधों से सख्त नफरत रखने वाले योगी को इसकी गवाही देते हैं वे आंकड़े जिन्होंने लव जिहाद और धर्मांतरण में जुटे लोगों के होश फाख्ता कर रखे हैं। इन आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल साल २०२१ से लेकर अब तक ४२७ मुकदमे तो सिर्फ और सिर्फ लव जिहाद से संबंधित ही दर्ज हो चुके हैं। इसी तरह से बात करें अगर धर्मांतरण की तो ८३३ गिरफ्तारियां लव-जिहाद के मुकदमे में हो चुकी हैं। इस तरह के दर्ज मुकदमों में यूपी का बरेली जिला नंबर एक पर रहा है।
इसी के साथ ही उत्तर प्रदेश में ही दिव्यांग बच्चों का धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का भी भंडाफोड़ हो चुका है। बात अगर करें गैर-कानूनी धार्मिक धर्मांतरण (रूपांतरण) निषेध कानून की, तो राज्य में यह कानून साल २०२० की २७ नवंबर को लागू किया जा चुका है। इस सख्त कानून का सूबे में असर भी लागू होने के तुरंत बाद ही नजर आने लगा था। इस कानून के अंतर्गत कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए आरोपी या मुल्जिम को१० साल तक की सजा का प्राविधान किया गया था, जबकि इस कानून में जुर्माने की (अर्थदंड) की राशि १५ हजार से लेकर ५० हजार तक तय की गई है।

कानून और कितनी है सजा?
जबरन धर्म परिवर्तन का कलंकित कारोबार रोकने के लिए बनाए गए सख्त कानून में १५ हजार रुपए जुर्माने के साथ एक साल से लेकर ५ साल तक की सजा का प्राविधान किया गया है। अगर एससी या एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण में कोई पकड़ा गया, तो उसे ३ साल से लेकर १० साल तक की सख्त सजा का प्राविधान है। जबकि जबरन सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में ३ साल से लेकर १० साल तक की जेल और ५० हजार रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

धर्म परिवर्तन के आरोपी खुद कबूल कर चुके हैं अपराध
यूपी में सल्तनत द्वारा लागू सख्त कानूनों का ही नतीजा है कि जिसके चलते पकड़े गए आरोपियों में से १८५ मामलों में तो खुद आरोपी ही कबूल चुके हैं कि उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन कराने का धंधा कर रखा था। यह बात पुलिस के नहीं अपितु कोर्ट के सामने कबूली गई है। इसी तरह सूबे में अगर बात नाबालिगों के धर्मांतरण की करें तो ऐसे ६५ मामले अब तक पकड़े जा चुके है। नाबालिगों के धर्मांतरण के सर्वाधिक मुकदमे सूबे के बरेली जिले में दर्ज हुए मिले हैं। कानून यह भी है कि अंतरजातीय या अंतर-धर्म विवाह करने वाले जोड़ों को, शादी करने से २ महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट को लिखित में सूचित करना होगा।

अन्य समाचार