रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर
राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का रिव्यू करने के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार के फैसले को बेतुका और गरीब विरोधी बताकर इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। अगर इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी, तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती। लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को फिर से हिंदी माध्यम करना बेतुका तथा गरीब और मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है।
गहलोत ने कहा कि हिंदी तो हम सभी की मातृभाषा है, लेकिन अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है। हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले थे। इनसे प्रदेश में एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील भी की है।
दरअसल, राजस्थान में चल रहे 2,000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर अधिकारियों से इंग्लिश मीडियम स्कूल के मौजूदा हालात, टीचर्स की संख्या, स्टूडेंट की संख्या के साथ 38 पॉइंट का रिव्यू कर उसे फिर से हिंदी मीडियम में शुरू करने की सिफारिश मांगी है। इसके आधार पर फैसला कर शिक्षा विभाग इंग्लिश मीडियम स्कूल को फिर से हिंदी मीडियम में बदलेगा।
मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पहले ही कह चुके हैं कि राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की जरूरत को लेकर सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने सभी संभाग और उपखण्ड स्तर से महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों के संचालन को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद ही स्कूल चलेंगे या बंद होंगे इसको लेकर कोई फैसला होगा। सरकारी स्तर पर रिव्यू करने के साथ ही हम यह भी देखेंगे कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है भी या नहीं है। इसी आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा।