सामना संवाददाता / मुंबई
कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग पार्टी मामले ने एनसीबी के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। वानखेड़े ने प्राथमिकी को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसमें दावा किया गया कि जबरन वसूली का आरोप झूठा था। लेकिन सीबीआई ने हलफनामा दायर कर दावा किया है कि उनके खिलाफ दर्ज मामला सही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस हलफनामे के जरिए वानखेड़े की याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई है।
बता दें कि कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग पार्टी मामले में आर्यन खान को रिहा करने के लिए समीर वानखेड़े पर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से २५ करोड़ रुपए मांगने का आरोप है। वानखेड़े ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है। न्यायाधीश अभय आहूजा और मिलिंद साठये की बेंच के समक्ष उनकी याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसकी पिछली सुनवाई में बेंच ने सीबीआई को वानखेड़े की याचिका पर एक हलफनामे के जरिए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था। तदनुसार सीबीआई ने एक हलफनामा दायर किया और दावा किया कि वानखेड़े के खिलाफ प्राथमिकी सही थी। वानखेड़े के खिलाफ जबरन वसूली के साथ-साथ भादंसं की धाराओं के तहत दायर आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं। सीबीआई ने हलफनामे में कहा कि सभी प्रासंगिक आरोप तथ्यों पर आधारित हैं।