धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई, महाराष्ट्र समेत पूरे देश में चुनाव शुरू हैं। चुनाव में लोगों की भीड़ जमा हो रही है, लेकिन इसी चुनावी दौर में कोरोना भी लोगों को टेंशन देने लगा है। बीते कुछ समय से ओमायक्रॉन के सब वेरिएंट केपी.२ के मामलों में इजाफा हुआ है। पुणे और ठाणे समेत नौ जिलों में इस नए वैरिएंट के अब तक कुल ९१ मामले सामने आए हैं। केपी.२ ने शिंदे सरकार के स्वास्थ्य महकमे को इस कदर झटका देने लगा है कि वह अब कराहने लगा है। इस बीच चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह सब वेरिएंट ओमायक्रॉन से भी तेज रफ्तार के साथ पैâलता है। ऐसे में इस समय चुनावी माहौल में जमकर प्रचार शुरू है। इसके साथ ही वोटिंग भी चल रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में जनता इकट्ठा हो रही है। इसे देखते हुए इस वेरिएंट के और तेजी से फैलने का अंदेशा है।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना वायरस डराने लगा है। इसकी वजह कोविड-१९ का नया सब वेरिएंट केपी.२ है। कोरोना का यह नया सब-वैरिएंट जेएन-१ से संबंधित है। कई देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे है। पुणे और ठाणे समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में केपी.२ के कई मामले मिले हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इन दोनों शहरों के अलावा अमरावती में ७, छत्रपति संभाजीनगर में ७, सोलापुर में २, नगर, लातूर, नासिक और सांगली में क्रमश: एक-एक मरीज मिले हैं। दूसरी तरफ मुंबई में भी कोविड मरीज बढ़ रहे है। जानकारों की मानें तो इस वेरिएंट का पहली बार पता जनवरी में लगा था। वर्तमान में केपी.२ अमेरिका में सबसे ज्यादा फैल रहा है। इस वजह से कोरोना की भयावह मार झेल चुके महाराष्ट्र में टेंशन बढ़ गई है।
जनवरी में मिले थे केस
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, महाराष्ट्र में जनवरी महीने में कोरोना के केपी.२ से संक्रमित मरीज मिले थे। मार्च और अप्रैल तक यह उप-वैरिएंट प्रमुख तौर पर लोगों को संक्रमित करने लगा। मार्च में राज्य में कोरोना मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई थी, लेकिन मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर मामलों में खास बढ़ोतरी नहीं हुई।
घबराने की नहीं है जरूरत
जेजे अस्पताल में प्राफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड़ ने कहा कि यह वेरिएंट ओमायक्रॉन की तरह तेजी से फैलता जरूर है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस वेरिएंट का सबसे अधिक खतरा डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर के अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और विभिन्न बीमारियों के साथ गुजर रहे लोगों को अधिक है। हालांकि, गर्मी में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर बनी रहती है। ऐसे में इस वेरिएंट के शिकार आसानी से हो सकते हैं, इसलिए इससे बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का लोगों द्वारा सख्ती से पालन करने की जरूरत है।