जेजे की डीन को बनाया गया ‘एसआईटी’ चीफ
डीन सुपे पर हैं भ्रष्टाचार के कई आरोप
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
असंवैधानिक शिंदे सरकार के राज में भ्रष्टाचारी नेताओं और अधिकारियों का बोलबाला है। सरकार अस्पतालों में मौत का मामला हो अथवा कोई भी हादसा, कोरम पूरा करने के लिए जांच समिति का गठन तो कर दिया जाता है, लेकिन समिति में भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त अधिकारियों को शामिल किया जाता है। यही कारण है कि बीते ढाई सालों में समितियां तो कई गठित हुर्र्इं, लेकिन उनकी रिपोर्ट सामने ही नहीं आर्इं। इसी क्रम में पुणे के पोर्शे कांड में भी ‘एसआईटी’ (विशेष जांच समिति) गठित की जा चुकी है। इस समिति की अध्यक्ष जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले को बनाया गया है। डॉ. सापले पर पहले से ही भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पुणे के कल्याणी नगर में एक बिल्डर के नाबालिग बेटे ने तेज रफ्तार से पोर्शे कार चलाते हुए दो लोगों को कुचल दिया था। इस हादसे में दोनों की मौत हो गई। इसके बाद नाबालिग आरोपी के पिता ने सबूत मिटाने के लिए ससून अस्पताल के डॉक्टर को पैसे दिए। पोर्शे दुर्घटना मामले में अस्पताल में आरोपी के सैंपल में बदलाव कर उसे बचाने की कोशिश की गई। ऐसे में अस्पताल में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए इस एसआईटी का गठन किया गया है। इस बीच यह बात सामने आई है कि इस मामले में एसआईटी की अध्यक्ष पर ही भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ऐसे में समिति के चयन पर सवाल उठने लगे हैं। बता दें कि तीन सदस्यीय समिति की अध्यक्ष जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सापले को बनाया गया है, जबकि जेजे अस्पताल के प्रोफेसर गजानन चव्हाण और छत्रपति संभाजी नगर के सरकारी अस्पताल के डॉ. सुधीर चौधरी को सदस्य बनाया गया है।
अधिवेशन में उठ चुका है भ्रष्टाचार का मुद्दा
एसआईटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी जिस अधिकारी को दी गई है, उस पर कई भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के आरोप हैं। विधानसभा सत्र में भी सदस्यों ने मुद्दा उठाते हुए कहा था कि डॉ. पल्लवी सापले ने मिरज सरकारी और जेजे अस्पताल में कई मामलों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को अंजाम दिया है। आरोप लगाया गया कि उन्होंने जेजे अस्पताल में दवाओं और मशीनरी की खरीद के बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए ५ से १० फीसदी कमीशन लिया। इस मुद्दे पर विधानसभा में भी चर्चा हुई।
मेडिकल काउंसिल ने की कार्रवाई की शुरुआत
पुणे हिट एंड रन मामले में नाबालिग आरोपी की मदद करने के लिए उसके खून के नमूने बदलने वाले डॉक्टर के खिलाफ अब महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने कार्रवाई शुरू कर दी है। डॉ. अजय तावरे और डॉ. श्रीहरि हलणोर के खिलाफ महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने नोटिस जारी किया है और सात दिनों के भीतर उनसे लिखित जवाब मांगा है। फिलहाल डॉ. तावरे और डॉ. हलणोर को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है। महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के वर्तमान प्रशासक डॉ. विंकी रूघवानी ने कहा कि इस संबंध में दोनों डॉक्टरों के स्पष्टीकरण और साक्ष्य की जांच की जाएगी और उसके बाद दोनों डॉक्टरों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ससून से गायब हुआ कर्मचारी
पुणे के कल्याणी नगर इलाके में पोर्शे कार दुर्घटना मामला अब अलग ट्रैक पर चला गया है। यह मामला सिर्फ हिट एंड रन से शुरू हुआ था, लेकिन अब इसने पुणे की पूरी शासन व्यवस्था की पोल खोल दी है। इस मामले ने पुणे में पुलिस, स्वास्थ्य और उत्पाद शुल्क विभाग का काला सच उजागर कर डाला। इस बीच मामले में बड़ा ट्विस्ट आया है। इसमें अस्पताल के दो डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल की अदला-बदली की। उसके बाद कल एक और चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है, जिसमें रक्त परीक्षण विभाग का एक कर्मचारी लापता बताया जा रहा है। यह कर्मचारी वास्तव में कौन है और इस मामले में उसकी भूमिका क्या थी? यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर रही है। साथ ही ब्लड सैंपल की अदला-बदली वैâसे हुई, इसकी रिपोर्ट डॉ. पल्लवी सापले को सौंपी जाएगी।
डॉ. पल्लवी पर आरोप
डॉ. पल्लवी सापले पर आरोप है कि वे किराए की गाड़ियां इस्तेमाल करती हैं और महीने में उसका एक लाख रुपए का बिल सरकार के सामने प्रस्तुत करती हैं। यह खर्च ७० से ८० लाख रुपए है। मिरज गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग में रहते हुए उन्होंने सरकार की अनुमति के बिना ब्लड प्लाज्मा बेचकर १३ लाख रुपए जुटाए।
डॉ. पल्लवी का कहना है
एसआईटी की अध्यक्ष डॉ. पल्लवी सापले कल ससून अस्पताल पहुंची। उस समय मीडिया के आरोपों और भ्रष्टाचार में लिप्तता के सवालों का जवाब उन्होंने मुस्कुराते हुए दिया। उन्होंने कहा कि मेरी नियुक्ति सरकार ने की है, इस बारे में उनसे ही पूछिए। डॉ. सापले ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। मैं इस समिति की अध्यक्ष हूं। हम इस घटना की रिपोर्ट सरकार को देंगे। उन्होंने कहा कि शासन के मानक के अनुरूप जांच की जाएगी। उस दिन हुई घटना की और उनसे जुड़े सभी लोगों की जांच की जाएगी।