सामना संवाददाता / मुंबई
१४ मई २०२४ को घाटकोपर (पूर्व) में हुए होर्डिंग हादसे में १७ लोगों की मौत और कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में गिरफ्तार अरशद खान की जमानत याचिका सत्र न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दी। पुलिस ने खान को दिसंबर २०२४ में लखनऊ से गिरफ्तार किया था। वह ४ महीने से फरार था। इस हादसे के लिए जिम्मेदार युगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने यह बड़ा होर्डिंग लगाया था। अरशद खान पर आरोप है कि उसने २०२१ और २०२२ में ईगो मीडिया से कई ब्लैंक चेक लिए थे। पुलिस का कहना है कि खान ने ५५ लाख रुपए की रकम अलग-अलग लोगों के बैंक खातों में जमा करवाई और फिर वह पैसा निकाल लिया।
खान ने जमानत याचिका में कहा कि उसका ईगो मीडिया या होर्डिंग लगाने की अनुमति देने वाली एजेंसी से कोई संबंध नहीं है, उसने खुद को राजनीतिक दबाव और मीडिया ट्रायल का शिकार बताया। खान का नाम ईगो मीडिया की पूर्व निदेशक जाह्नवी मराठे से पूछताछ के दौरान सामने आया। मराठे ने बताया कि ये पैसे दवाइयां की आपूर्ति के लिए दिए गए थे। इस मामले में चार अन्य आरोपी जाह्नवी मराठे, भावेश भिड़े, मनोज संधू और सागर कुम्भार को पहले इसी अदालत में जमानत दी थी। सत्र न्यायालय के जज सचिन बलवंत पवार ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खान की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत का विस्तृत आदेश जल्द आएगा।