सामना संवाददाता / नई दिल्ली
साइकोलॉजिकल साइंस में पब्लिश एक रिसर्च से हुआ खुलासा
अकसर लोग अपनी बीमारी के बारे में हर किसी से बात करना पसंद नहीं करता। खैर, कोई डिप्रेशन का शिकार है तो कोई कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ रहा है। यही नहीं, सर्दी-जुकाम होने पर भी लोग ऑफिस जाकर बीमार होते हुए भी खुद को स्वस्थ दिखाने की कोशिश करते हैं। दरअसल, हाल ही में साइकोलॉजिकल साइंस में पब्लिश एक रिसर्च से पता चला है कि दुनियाभर में करीब १०० करोड़ लोग अपनी बीमारी को छुपाते हैं और उसके बारे में बात करना पसंद नहीं करते।
रिसर्च में बताया गया है कि लक्षण ज्यादा गंभीर या इंफेक्शन होने पर भी लोग अपने सिम्टम्स को छुपाने की कोशिश करते हैं। न सिर्फ सर्दी-जुकाम, बल्कि फ्लू जैसी गंभीर समस्या को भी लोग दूसरों से शेयर नहीं करना चाहते। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि इसका कोई एक कारण नहीं है। दरअसल, लोग दूसरों के जज किए जाने से डरते हैं और निंदात्मक सोच के कारण अपनी बीमारी छिपाते हैं। लोगों को यही लगता है कि अगर उन्होंने अपनी परेशानी सबसे बता दी तो उन्हें काम करने के मौके नहीं मिलेंगे। इसकी वजह लोगों से दूरी बना लेना और ऑफिस में भेदभाव होना है। रिसर्च में कहा गया है कि लोगों के मन में ये सोच घर कर गई है कि समाज में बीमार व्यक्ति को ही कमजोर माना जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में करीब १०० करोड़ ऐसे लोग हैं, जो अपनी बीमारी छुपाकर जी रहे हैं।