तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाली साइकिल ट्रैक में दरार आ गई है। यह भारत की पहली सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रैक है। हैदराबाद में बाहरी रिंग रोड के किनारे २३ किलोमीटर लंबी साइकिल ट्रैक के वट्टिनागुलापल्ली हिस्से और कोकापेट को कोल्लुरु से जोड़ने वाले अन्य स्थानों में ५० फीट तक दरारें दिख रही हैं। इससे इसके निर्माण मानकों और परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, हैदराबाद में ट्रैफिक का दबाव बढ़ने पर ट्रैक के एक हिस्से को खोल दिया गया है, जिससे साइकिल के अलावा अन्य वाहन भी चल रहे हैं। इससे ट्रैक पर दबाव बढ़ा है। ट्रैक को अक्टूबर २०२३ में तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने शुरू किया था, जल्दबाजी के कारण गुणवत्ता से समझौते का आरोप है। दरारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट ऑथॉरिटी ने अस्थायी मरम्मत की है।
बता दें कि सौर ऊर्जा छत वाली यह साइकिल ट्रैक दक्षिण कोरिया के बाद भारत के हैदराबाद में दूसरी ट्रैक है। २३ किलोमीटर ट्रैक को बनाने में ९१ करोड़ रुपए की लागत आई है। प्रत्येक किलोमीटर ट्रैक की लागत ३.९१ करोड़ रुपए है। इसमें १६,००० से अधिक सोनल पैनल लगे हैं, जो १६ मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता रखते हैं। हालांकि, अभी १३ मेगावाट ही बिजली मिल रही है। यह ४.५ मीटर चौड़ा है और बीच में ५ मनोरंजक केंद्र भी हैं।