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शिंदे सरकार में ४० लाख में मिलती है क्रीम पोस्टिंग? …महिला उपायुक्त का मुख्यमंत्री कार्यालय पर आरोप

प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सदन में पेश किए सबूत

सामना संवाददाता / मुंबई
शिंदे सरकार में पैसे दिए बिना ट्रांसफर और पदोन्नति नहीं होती है। क्रीम पोस्टिंग के लिए लाखों रुपए देना पड़ता है। राजस्व और शिक्षण विभाग में ऐसी घटनाएं सामने आई थीं। कल खुद प्रतिपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस संदर्भ में सबूत विधानसभा में पेश किया। समाज कल्याण विभाग में लाखों रुपए दिए बिना ट्रांसफर नहीं होता है, ऐसा गंभीर आरोप समाज कल्याण विभाग की एक उपायुक्त ने मुख्यमंत्री कार्यालय पर लगाया है। इस संदर्भ में ऑडियो क्लिप वडेट्टीवार ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी। विजय वडेट्टीवार ने गुरुवार को विरोधी दल नेता पद का कार्यभार स्वीकार किया और पहले ही दिन उन्होंने सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार का खुलासा करके धमाका किया है।
अंतिम सप्ताह प्रस्ताव पर बोलते हुए वडेट्टीवार ने शिंदे सरकार में पैâले भ्रष्टाचार के अनेक प्रमाण दिए। वडेट्टीवार ने सदन में एक पेन ड्राइव प्रस्तुत किया, जिसमें पुणे में समाज कल्याण विभाग की उपायुक्त रही महिला अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने का १५ मिनट के संभाषण की क्लिप है, ऐसा उन्होंने कहा। अधिकारियों को ट्रांसफर के लिए इस विभाग के मंत्री ४०-४० लाख रुपए लेते हैं, ऐसा महिला ने कहा है। एक उपायुक्त राज्य के प्रमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप कर रही है, यह लज्जास्पद बात है। संबंधित अधिकारी महिला को तत्काल निलंबित किया जाए, अन्यथा उसके द्वारा किए गए आरोप की जांच की जाए, ऐसी मांग वडेट्टीवार ने की।
आश्रमशाला में अधिकारी करता है मासूम लड़की का शोषण
एक निवासी आश्रमशाला में एक अधिकारी १२ से १४ वर्ष की लड़की का शोषण करता है। इस महिला ने इस क्लिप में कहा है। वह आश्रमशाला केवल लड़कियों के शोषण के लिए है, ऐसा उसका आरोप है। इसकी जांच करके संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाए, ऐसा वडेट्टीवार ने कहा
जाली जाति प्रमाण-पत्र देकर करोड़ों की लूट
छत्रपति संभाजीनगर में उपविभागीय अधिकारी पैसा लेकर जाली जाति प्रमाण-पत्र देता है, ऐसा आरोप वडेट्टीवार ने लगाया। कागज-पत्र सही रहने पर दस हजार, अधूरे रहने पर ५० हजार और सगे-संबंधी उपस्थित नहीं रहेंगे तो ५० से १ लाख रुपए लिए बगैर अधिकारी जाति प्रमाण-पत्र नहीं देता है। लोगों को फंसाने वाले इस अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाए, ऐसी मांग उन्होंने की। उन्होंने आगे कहा कि वेदांता पर निकाला गया श्वेतपत्र जनता को दिशाभूल करने वाला है। शिक्षा विभाग में जहां हजार पद रिक्त हैं, वहीं जाली शिक्षकों द्वारा स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, ऐसा वडेट्टीवार ने कहा।

जनता के बीच सरकार खो चुकी है विश्वसनीयता-गृहमंत्री के जवाब पर अंबादास दानवे का तंज

गृहमंत्री ने अंतिम सप्ताह के प्रस्ताव का जवाब देते समय राज्य में कानून-व्यवस्था की अलग ही तस्वीर रंगने की कोशिश की, लेकिन वास्तव में सरकार लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है, इस तरह का तंज विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कसा। सत्ता पक्ष ही राज्य में कानून व व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहा है। उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में हम किसके पास न्याय पाने के लिए जाएं? इस तरह का सवाल भी दानवे ने सदन में उठाया। विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता अंबादास दानवे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने अंतिम सप्ताह में प्रस्ताव पर विस्तार से विवेचना की, लेकिन वास्तविक परिस्थिति से सरकार मुंह नहीं मोड़ सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति है कि सत्ता पक्ष के विधायक ऐसे विधायकों के साथ घूम रहे हैं, जिन पर मकोका लगा हुआ है।

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