सामना संवाददाता / झुंझुनू
जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में शहीद राजस्थान के झुंझुनू जिले के दोनों जवानों का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। जैसे ही जवानों की पार्थिव देह उनके घर पहुंची, परिजनों की हिम्मत जवाब दे गई। शहीदों के मां-बाप, पत्नी, भाई-बहन बिलख पड़े। शहीद बिजेंद्र सिंह दौराता झुंझुनू के सिंघाना थाना इलाके के खुबा की ढाणी (डुमोली कलां) के रहने वाले थे और अजय सिंह भी इसी इलाके में भैसावता कलां के रहने वाले थे। बिजेंद्र सिंह की पार्थिव देह जब उनके घर पहुंची तो उन्हें देखकर मां बिलख पड़ी। बिजेंद्र सिंह के बेटे ने अपने दादा की गोद में बैठकर पिता के अंतिम दर्शन किए।
वहीं शहीद अजय सिंह की पार्थिव देह देखकर पत्नी बेसुध हो गई। अजय सिंह के पिता ने आखिरी दर्शन करने के बाद आर्मी कैप पहनकर बेटे को सलामी दी। भाई को तिरंगे में लिपटा देखकर अजय सिंह की बहन बेहोश हो गई। शहीद अजय सिंह नरूका की तिरंगा यात्रा मुरादपुर से उनके पैतृक गांव भैसावता कलां तक निकाली गयी। तिरंगा यात्रा में बड़ी संख्या में लोग नारे लगाते हुए बाइक और अन्य वाहनों के साथ शामिल हुए। शहीद बिजेंद्र सिंह की तिरंगा यात्रा में 11 डीजे और बड़ी संख्या में वाहनों के साथ लोग चल रहे हैं। हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय और शहीद अमर रहे के नारे लगाते हुए चले हैं।
आर्मी ने शहीद बिजेंद्र के पिता रामजीलाल दौराता को तिरंगा सौंपा। इस दौरान उनके छोटे भाई दशरथ भी साथ रहे। शहीद अजय सिंह की वीरांगना शालू कंवर जब शहीद के दर्शन के लिए पहुंची तो पार्थिव देह से लिपट गई। उसने सुध-बुध खो दी और जोर-जोर से रोने लगी। इसके बाद वीरांगना को पार्थिव देह की परिक्रमा करवाई गई। महिलाओं ने वीरांगना को संभाला।
शहीद बिजेंद्र सिंह को आर्मी के जवानों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। झुंझुनू कलेक्टर चिन्मयी गोपाल व एसपी राजर्षि वर्मा शहीद बिजेंद्र सिंह के घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिजनों और वीरांगना अंकिता को सांत्वना दी।
शहीद अजय सिंह नरुका की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव भैसावता कलां स्थित घर पार्थिव देह पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया। वीरांगना शालू कंवर को अंतिम दर्शन करवाए गए। शहीद के पिता कमल सिंह का भी रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद बिजेंद्र सिंह के बेटे विहान (4) और किहान (1) को दादा रामजीलाल ने गोद में लेकर पिता के अंतिम दर्शन करवाए। शहीद बिजेंद्र सिंह के अंतिम दर्शन के बाद परिवार के लोगों ने पार्थिव देह की परिक्रमा की।
डोडा जिले में डेसा जंगल के धारी गोटे उरारबागी में राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी। इस दौरान आतंकवादी फायरिंग करते हुए भागे। भारतीय सेना के जवानों ने उनका पीछा किया। घना जंगल होने की वजह से आतंकी सुरक्षाबलों को चकमा देते रहे। सोमवार रात करीब 9 बजे फिर गोलीबारी हुई। इसमें बिजेंद्र सिंह और अजय सिंह समेत 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बिजेंद्र और अजय सेना में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे।
शहीद अजय सिंह का परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। इनके पिता कमल सिंह भी सेना में 24 राजपूत रेजिमेंट में कार्यरत थे जो 2015 में सेवानिवृत्त हुए है, जबकि चाचा कायम सिंह वर्तमान में सेना की 23 राजपूत रेजीमेंट में सिक्किम में सेवाएं दे रहे हैं। कायम सिंह की बहादुरी पर उन्हें 2022 में सेना मेडल से नवाजा गया था। अजय सिंह के दादा सुजान सिंह बीएसएफ में थे। सुजान सिंह 14 दिसंबर 2021 को शहीद हो गए थे। अजय सिंह के मामा चांदकोठी निवासी तेजपाल सिंह भी सेना में थे। वे भी 2020 में शहीद हो गए थे। अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के एम्स में डॉक्टर है।
कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में सोमवार रात को सैन्य अभियान में शहीद हुए राजस्थान के वीर सपूतों के परिवारजनों से झुंझुनू में मुलाकात की एवं उन्हें ढांढस बंधाया। शहीद सिपाही श्री बिजेन्द्र झुंझुनू जिले की बुहाना तहसील के ग्राम डुमोली कलां तथा शहीद सिपाही श्री अजय कुमार सिंह झुंझुनू जिले की बुहाना तहसील के ग्राम भैंसावता कलां निवासी थे। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि वीरधरा राजस्थान के इन शूरवीरों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।