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सभाओं पर करोड़ों हो रहे हैं खर्च अस्पतालों में तड़प रहे हैं गरीब! -उमा भारती ने अपनी ही सरकार की खोली पोल

सामना संवाददाता / भोपाल
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां करते हुए अपनी सरकार की पोल खोल कर रख दी। अस्पतालों में तड़प रहे मरीजों के दर्द को बयां करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से लेकर एमपी की शिवराज सिंह सरकार चुनावी सभाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, जबकि सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीज तड़प रहे हैं लेकिन सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। इसके बाद भी बर्न यूनिट और आईसीयू में गरीब लोग तड़प रहे हैं। यह असमानता हमारी सरकार के लिए शर्मनाक है। जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब स्वस्थ हैं। पिछले एक महीने में उन्होंने भोपाल के स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल और बंसल हॉस्पिटल में इलाज कराया। यह जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि सभाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। इसके बाद भी सरकारी अस्पतालों के बर्न यूनिट और आईसीयू में गरीब लोग तड़प रहे हैं। उमा भारती ने ट्विटर पर लिखा कि एक महीने पहले अपने अस्वस्थ होने की सूचना एवं डॉक्टरों द्वारा विश्राम की सलाह के बारे में मैंने आपको अवगत कराया है। मैंने परसों अपने सारे चेकअप बंसल अस्पताल में कराए हैं। इससे पहले मैं २० मई की रात ११:०० बजे अस्वस्थ होने पर स्मार्ट सिटी अस्पताल में कुछ घंटों के लिए भर्ती हुई थी। भगवान की दया एवं आप सबकी दुआ से मेरे परसों के सारे परीक्षण में मैं स्वस्थ पाई गई।
विदिशा में मरीजों की तड़प का दर्द
उमा भारती ने यह भी लिखा कि विदिशा के जिला अस्पताल में आईसीयू यूनिट में एसी नहीं है। मरीज तड़प रहे हैं। पूरे प्रदेश में ऐसा ही हो रहा है। मैं इस ट्वीट को विदिशा जिला अस्पताल को एवं जिला प्रशासन को टैग कर रही हूं। वह तुरंत ही हॉस्पिटल में एसी की व्यवस्था करें। निजी अस्पतालों और विदिशा जैसे सरकारी अस्पतालों की सुविधाओं में इतना बड़ा अंतर मानव जाति के साथ बहुत बड़ा अपराध है।
जनप्रतिनिधियों, अफसरों से अपील
उमा भारती ने कहा कि मैं मध्य प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों से अपील करती हूं कि आप लोग अपना इलाज किसी इमरजेंसी के अलावा सरकारी अस्पताल में ही कराइए। हमारी सभाओं पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहें हैं और सरकारी अस्पतालों के बर्न यूनिट और आईसीयू में एसी के अभाव में गरीब लोग, जिनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है, तड़प रहे हैं। यह असमानता हमारे लिए शर्मनाक है।

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