सामना संवाददाता / मुंबई
फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर ऐसे नराधमों को सार्वजनिक रूप से सूली पर चढ़ा दिया जाना चाहिए, ताकि कोई ऐसी हरकत करने की हिम्मत न कर सके। इस तरह की मांग करते हुए राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ रहे हैं। मैं व्यक्तिगत तौर पर किसी की आलोचना नहीं करना चाहती, लेकिन विज्ञापनों पर २०० करोड़ रुपए खर्च करने के बाद वे लाडली बहन बोलते हुए घूम रहे हैं। क्या आप बेटी की सुरक्षा को महत्वपूर्ण नहीं समझते हैं?
मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है। बलात्कार की शिकार पीड़िता की पहचान किसी भी तरह से बाहर नहीं आनी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों की पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है। इसके साथ ही वारदात की शिकार हुई बच्ची के मन पर बुरा असर पड़ा होगा, इसलिए उसकी काउंसिलिंग भी की जानी चाहिए। सुप्रिया सुले ने कहा कि देश में सबसे अधिक लड़कियां हमारे राज्य से ही गायब हो रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक मुद्दा है। इस समय जो कोई भी सत्ता में है उसे संवेदशीलता से काम करना चाहिए।