सामना संवाददाता / मुंबई
क्रूर केंद्र ने अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति और शिक्षा शुल्क की करीब १,५७८ करोड़ रुपए रोक रखा है। इस राशि को तत्काल दिए जाने की मांग विधायक सत्यजीत तांबे ने केंद्रीय सामाजिक न्याय विभाग से की है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि यदि केंद्र इस राशि का वितरण करती है तो न केवल छात्रों, बल्कि शिक्षा संस्थानों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा है कि समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से प्रदेश में साढ़े सात लाख छात्रों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस आशय का पत्र उन्होंने केंद्र को भेजा है।
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति और शिक्षा शुल्क के तौर पर आनेवाले करीब १,५७८ करोड़ रुपए अभी तक केंद्र द्वारा रिलीज नहीं किए गए हैं। बकाया शुल्क और छात्रवृत्ति के चलते छात्रों और शिक्षा संस्थानों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर छात्रों और शिक्षण संस्थानों के बीच विवाद के मामले भी देखे जा रहे हैं।
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