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यूपी में बढ़ता साइबर क्राइम! …यूपी के पूर्व मुख्य सचिव हुए ठगी के शिकार

क्रेडिट कार्ड से हो गई 383 डॉलर की शॉपिंग

 

मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ

परदे के पीछे से समाजवादी पार्टी की रणनीति के रणनीतिकार सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी व पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के क्रेडिट कार्ड से जालसाज ने 383 डॉलर की शॉपिंग कर ली। बैंक से ट्रांजैक्शन का मैसेज आने पर उन्हें ठगी का पता चला तो उन्होंने गोमतीनगर थाने में केस दर्ज कराया।अखिलेश यादव के थिंक टैंक के रूप में प्रसिद्धी पा चुके आलोक रंजन के साथ हुई चीटिंग से नाराज सपा नेताओं ने योगीराज के कानून व्यवस्था की खिल्ली उड़ाई है।  लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली बड़ी विजय के सूत्रधारों में आलोक रंजन का प्रमुख स्थान है।

गोमतीनगर के विवेकखंड निवासी पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के मुताबिक, गत आठ जुलाई को दोपहर करीब 12 बजे उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई थी। फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई का कर्मचारी बताते हुए कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड पर एक लाख नौ हजार रुपये का बकाया है। जालसाज ने उन्हें झांसे में लेने के लिए उनके क्रेडिट कार्ड का नंबर बताया, जो गलत था। आलोक रंजन ने कहा कि यह उनका कार्ड नहीं है तो जालसाज ने उनसे मोबाइल में नौ दबाने के लिए कहा। पूर्व मुख्य सचिव के नंबर दबाने पर उसने उनसे बैंक में संपर्क करने को कहा और कॉल काट दी।

शाम करीब 6.30 बजे आलोक रंजन के पास क्रेडिट कार्ड से 383 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 32 हजार रुपए कटने का मैसेज आया। ऐसी आशंका है कि पूर्व मुख्य सचिव के क्रेडिट कार्ड से जालसाज ने ऑनलाइन विदेशी साइट से शॉपिंग की है। इसके चलते कार्ड से 383 डॉलर कटने का मैसेज आया होगा। इंस्पेक्टर गोमतीनगर दीपक कुमार पांडेय के मुताबिक, ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी की जा रही है। इस घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता संजय यादव ने कहा कि योगी आदित्यनाथ की सरकार में साइबर क्राइम का विकास हुआ है। यही भाजपा का विकास मॉडल है। सूबे के मुखिया रह चुके वरिष्ठ नौकरशाह भी ठगी से नहीं बच पा रहे हैं तो आम आदमी की क्या दशा होगी। राज्य भर में  बढ़ते अपराध के सामने योगी सरकार ने घुटने टेक दिया है।

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