मुख्यपृष्ठसमाचारपेटीएम के नाम पर सायबर धोखाधड़ी 

पेटीएम के नाम पर सायबर धोखाधड़ी 

-सायबर सेल और बैंक से नहीं मिली समय पर मदद 

सामना संवाददाता / मुंबई

सायबर धोखाधड़ी के प्रतिदिन सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें सायबर गुनाह करने वाले लोग नए-नए तरीके का इस्तेमाल करके आम जनता को अपना शिकार बना रहे हैं।  सायबर सेल की लाख कोशिशों की बावजूद इसे रोकने में विभाग असफल साबित हो रहा है। ऐसा ही एक मामला मुंबई के प्रभादेवी में रहनेवाले विजय (बदला हुआ नाम) के साथ हुआ, जिसमें उनके साथ पेटीएम के नाम पर सायबर धोखाधड़ी हुआ। विजय ने अपना क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट पेटीएम एप से किया था, लेकिन बाद में उन्हें मैसेज आया कि उनका ट्रांसक्शन फेल हो गया। पैसा जल्द रिफंड मिल जाए, इसलिए उन्होंने पेटीएम को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। पेटीएम का बनावटी एप बनाकर सायबर गुनहगारों ने उन्हें पेटीएम की तरफ से मैसेज भेजा और एक हेल्पलाइन नंबर और एक मोबाइल नंबर पर कॉल करने के लिए कहा। मोबाइल नंबर पर कॉल करने पर सायबर गुनहगारों ने व्हाट्सऐप पर वीडियो कॉल किया और व्हाट्सऐप पर आये नए फीचर स्क्रीन शेयर का उपयोग करके उनके कहने से धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया। इस विषय में तुरंत ही विजय द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के हेल्पलाइन पर कॉल किया गया, लेकिन आईसीआईसीआई बैंक के हेल्पलाइन पर लगातार कॉल करने के बावजूद उनके सायबर गुनाह को रोकने के लिए विशेष जांच टीम से संपर्क नहीं हो पाया और दस से पंद्रह मिनट का लम्बे इंतजार के बाद फोन डिसकनेक्ट हो जाता था, जिसकी वजह से आईसीआईसीआई बैंक से कोई भी सहायता भुक्तभोगी को समय पर नहीं मिल पायी। विजय ने सायबर सेल के १९३० पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराई थी, जिसका नंबर 31903240042490 सायबर सेल द्वारा दिया गया था, लेकिन संबंधित पुलिस स्टेशन में आगे की क़ानूनी कार्रवाई पूरी करने के लिए विजय को बार-बार १९३० पर कॉल करना पड़ा, तब जाकर सायबर सेल द्वारा शिकायत को दादर पुलिस स्टेशन में भेजा गया। सायबर धोखाधड़ी की जानकारी जल्द से जल्द देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सायबर सेल द्वारा निर्देश दिया जाता है, लेकिन विजय के केस में आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहक केंद्र पर समय पर संपर्क करने न होने के कारण और आईसीआईसीआई बैंक के शाखा में त्वरित कार्रवाई न होने के कारण विजय को समस्या का सामना करना पड़ा। साथ ही सायबर सेल बहुत बड़ी रकम वाले और एक से अधिक सायबर धोखाधड़ी या किसी प्रतिष्ठित य्वक्ति के शिकार होने पर ज्यादा तत्परता दिखती है।

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