एक समय बॉलीवुड में गरीबों के अमिताभ बच्चन कहे जानेवाले मिथुन चक्रवर्ती ने आखिर वह मुकाम पा ही लिया, जिसका ख्वाब फिल्मोद्योग से जुड़ा हर सितारा देखता है। मिथुन दा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस खबर को सुनकर मिथुन ने बताया कि जब उन्होंने अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था तो एक पत्रकार उनका इंटरव्यू लेने आया था। जब पत्रकार उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं प्रतिक्रिया दूंगा, लेकिन भूख लगी है। पहले कुछ खिलाओ। मिथुन को उनकी पहली फिल्म ‘मृग्या’ के लिए बेस्ट ऐक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला था। यह फिल्म १९७६ में रिलीज हुई थी। इसके बाद उन्हें १९९३ में ‘तहादेर कथा’ व १९९६ में ‘स्वामी विवेकानंद’ के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने की घोषणा पर मिथुन दा का कहना है, ‘मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। यह सम्मान अपने परिवार और पैंâस को समर्पित करता हूं।’