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दादा ने भुजबल से लिया २००९ का बदला! …पूर्व विधायक लांडे ने याद दिलाई घटना

सामना संवाददाता / मुंबई
अजीत पवार गुट के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल मंत्रिमंडल विस्तार में जगह न मिलने से नाराज हैं। पिछले एक हफ्ते से वे अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर रहे हैं। भुजबल ने अब उप मुख्यमंत्री अजीत पवार पर सीधा निशाना साधा है। भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी मुलाकात कर ४० मिनट तक चर्चा की। भुजबल को इस मंत्रिमंडल से दूर क्यों किया गया, क्या अजीत पवार ने २००९ की घटना का बदला लिया है? पूर्व विधायक विलास लांडे ने मीडिया को बताया कि २००९ में अशोक चव्हाण मुख्यमंत्री बने थे। उस समय उप मुख्यमंत्री पद के लिए अजीत पवार दावेदार थे, लेकिन इस पद के लिए छगन भुजबळ को चुना गया। पार्टी नेतृत्व ने प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे से चर्चा के बाद सर्वसम्मति से भुजबल का चयन किया था। इस निर्णय से अजीत पवार नाराज हो गए थे। उन्होंने खुलकर सवाल उठाया था कि उन्हें यह मौका क्यों नहीं दिया जा रहा है। लेकिन उस समय पार्टी नेतृत्व ने उनकी नाराजगी को शांत किया। वर्ष २००९ में हुई एक घटना के जिक्र ने जोर पकड़ लिया है। उस समय हुई घटनाओं को पूर्व विधायक विलास लांडे ने याद किया।
भुजबल को उप मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा
लांडे ने आगे बताया कि आदर्श घोटाले के चलते अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद छगन भुजबळ को भी उप मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। भुजबल इसके लिए तैयार नहीं थे, लेकिन उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

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