सामना संवाददाता / मुंबई
सत्ता का स्वाद लेने के लिए अजीत दादा पवार ने राकांपा तोड़कर अपना एक अलग गुट बनाया था और महायुति सरकार में शामिल हो गए थे। कुछ दिनों पहले दादा गुट के कई नेता घर वापसी करते हुए अपनी मूल पार्टी में लौट आए थे। अब तीन और बड़े नेताओं ने दादा का साथ छोड़ना तय किया है। इससे दादा का दल दरकने लगा है। शरद पवार से दो नेताओं ने मिलकर घर वापसी की इच्छा जताई है जबकि एक बड़े नेता की जल्द ही मुलाकात होनेवाली है।
बगावती मूड में तीन बड़े नेता
जल्द ही दादा को बोलेंगे गुडबाय
जैसे जैसे विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है महायुति में सीटों को लेकर खींचतान बढ़ती जा रही है। इसके अलावा महायुति में हार के डर से दादा गुट के कई नेता बगावती मूड में हैं और घर वापसी की राह पर नजर आ रहे हैं।
बता दें कि राकांपा से टूटकर महायुति में गए अजीत पवार को भाजपा और शिंदे गुट की ओर से निशाना बनाया जा रहा है। नतीजतन, महायुति में दादा का भविष्य संकट में देखकर अब उनके सहयोगी उनका साथ छोड़ने लगे हैं। इनमें प्रमुख नाम दिग्गज नेता व मंत्री दिलीप वलसे पाटील का है। इसके लिए वे राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात करने वाले हैं। इनसे पहले एक वर्तमान और एक पूर्व विधायक दोनों शरद पवार से मुलाकात कर चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, ये नेता घर वापसी करने वाले हैं। विधायक बबन शिंदे और भोसरी के पूर्व विधायक विलास लांडे, इन दोनों सहित दिलीप वलसे पाटील भी लौटेंगे, ऐसी संभावना जताई जा रही है। इसीलिए मंत्री दिलीप वलसे पाटील ने कैबिनेट बैठक से दूरी बना ली है। ऐसी चर्चा है कि दिलीप वलसे पाटील जानबूझकर कैबिनेट की बैठक में नहीं गए। अब अगर वे शरद पवार के पास लौट आए तो यह दादा गुट के लिए बड़ा झटका होगा। इससे पहले भी दादा गुट के पिंपरी-चिंचवड के १६ नगरसेवक सहित शहर अध्यक्ष अजीत गवहाने, शरद सोनावणे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नरहरि झिरवल का बेटा गोकुल झिरवल, ओबीसी सेल के अध्यक्ष ईश्वर बालबुधे समेत सैकड़ों छोटे-बड़े कार्यकर्ता अपनी घर वापसी कर चुके हैं।