कई मवेशियों के जलने से हुई मौत
खाने पीने के भी सामान हुए नष्ट
स्थिति को देखते हुए पांच थाने की पुलिस का पहरा ,15गिरफ्तार
पक्ष और विपक्ष की राजनीति हुई गर्म
अनिल मिश्र / नवादा
बिहार के नवादा जिले में बुधवार की रात साढ़े सात बजे रात दलित दबंगों द्वारा महादलित समुदाय पर भयानक कहर बरपाया गया। दबंगों ने फायरिंग करते हुए करीब 80 घरों को आग के हवाले कर दिया। हालांकि पुलिस का कहना है कि लगभग 25 से 30 घर जलाए गए हैं। इस गंभीर घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। जिसके कारण पुलिस बल को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है। घटना नवादा जिला मुख्यालय से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के ददौरा गांव के पास स्थित कृष्णा नदी के किनारे कृष्णा नगर दलित बस्ती में हुई है।
जानकारी के मुताबिक घटना की जड़ में भूमि विवाद है। कृष्णा नदी के तलहटी में बसे महादलित मांझी और रविदास जाति के लोग काफी वर्षों से रहते हैं। यह जमीन सरकारी यानी बिहार सरकार की बताई जाती है। गांवों के शहरीकरण और पक्कीकरण के कारण बिहार में जमीनों के दाम सातवें आसमान पर हैं। वहीं भूमि माफियाओं का कमाई का जरिया सरकारी जमीन और विवादित जमीन पर है। जिसके कारण गरीब गुरबा और कमजोर तबके की जमीन कम दाम पर खरीदकर या कब्जे कर ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं। इसी को लेकर आये दिन इस तरह की हरकतें देखने को मिल रही है। भूमि माफियाओं के कारण ही दो पक्षों के बीच लंबे समय से चल रहे इस विवाद ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया। बताया जा रहा है कि दलित परिवारों का एक बड़े भूखंड पर कब्जा है, जिसे लेकर दूसरे पक्ष के यानी दलित पासवान समाज के लोगों के साथ लम्बे समय से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के चलते झड़प हुई, जिसमें दलित दबंगों ने महादलितों की बस्ती पर हमला कर दिया। दबंगों ने आग लगाने से पहले करीब 50 राउंड फायरिंग भी किया और उसके बाद महादलित मांझी और रविदास जाति के कच्चे मकानों में आग लगा दिया। इस संबंध में नन्दू पासवान सहित 15 लोगों को अभी तक गिरफ्तार भी किया जा चूका है। वहीं अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही कल रात नवादा सदर अंचल के अधिकारी विकेश कुमार सिंह और मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई। प्रशासन की टीम ने हालात का जायजा लिया और स्थिति पर काबू पाने के लिए गांव में कैंप लगाया गया है। इस कैम्प में नवादा जिले के 5थाने की पुलिस को तैनात किया गया है। पुलिस का कहना है कि घटना के बाद से इलाके में भारी संख्या में बल तैनात किया गया है ताकि कोई और हिंसक घटना न हो।
पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया है कि दबंगों ने अचानक उनके घरों पर हमला किया और मारपीट करने के बाद उनके घरों में आग लगा दी। इस हमले से कई लोग बेघर हो गए हैं। आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड को बुलाया गया।जिसके बाद आग पर काबू पाया गया।
इधर कल रात से भूखे इन महादलित के लोगों के लिए जिला प्रशासन ने चना,भुंजा, बिस्कुट और खाने पीने के सामान मुहैया कराया गया है। वहीं स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों यहां कैम्प किये हुए हैं।
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया है। वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को कानून व्यवस्था को लेकर घेरे की कोशिश कर रहे हैं। जबकि महादलित मांझी समाज से आने वाले केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिहार के राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के लोगों को दोषी ठहराया है। केन्द्रीय मंत्री कहा है कि इस घटना में गिरफ्तार 90प्रतिशत लोग यादव जाति के हैं। साथ ही इन्हीं लोगों के कहने पर लोगों ने आग लगाई है। भूमि माफियाओं के कारण ही इस तरह की घटना घटी है।
गौरतलब हो कि बिहार में भूमि विवाद का इतिहास बहुत पुराना है। बीते दिनों में नक्सली हिंसा का कारण भूमि विवाद ही रहा है। पिछले माह भी बिहार के पूर्णिया जिले में आदिवासियों के जमीन भूमि माफियाओं के कब्जा करने को लेकर डीएम कार्यालय पर 10आदिवासी महिलाओं डीजल छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश किया था।
हालांकि बिहार में वर्षों से चल रहे भूमि विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक माह पूर्व भूमि के सर्वेक्षण कार्य करने के लिए विभागीय आदेश जारी किए हैं।जिसको लेकर पूरे बिहार में भूमि का सर्वे किया जा रहा है।इस सर्वे अभियान में लोग बिहार से बाहर रह रहे लोग अपनी रोजी रोटी छोड़कर भूमि के सर्वेक्षण में भाग ले रहे हैं।इस सर्वेक्षण कार्य को डिजिटल भी किया जाना है। अब आने वाले वक्त ही बतायेगा कि बिहार में भूमि विवाद कब और कैसे थम पाता है।