-राज्य ने जिला अस्पतालों सहित स्थानीय निकायों को सतर्क रहने का दिया आदेश
सामना संवाददाता / मुंबई
दुनिया में मंकीपॉक्स तेजी से फैल रहा है। यह महामारी अफ्रीका से अब पाकिस्तान तक पहुंच चुका है। दूसरी तरफ इसका सबसे ज्यादा खतरा मुंबई और पुणे पर मंडरा रहा है, क्योंकि इन्हीं दोनों शहरों में विदेशों से पढ़ने के लिए आनेवाले छात्रों की संख्या अधिक है। इसमें सबसे ज्यादा अफ्रीकी छात्र शामिल हैं। ऐसे में राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बीमारी को लेकर कल गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके अलावा प्रदेश की सभी मनपा, नपा, जिपं और जिला सर्जनों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है।
इस तरह होगा मंकीपॉक्स सर्वेक्षण
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मंकीपॉक्स सर्वेक्षण के लिए संलग्न परिभाषाओं का उपयोग किया जाएगा। हर संदिग्ध मरीज की जांच रैपिड रिस्पांस टीम से कराई जाएगी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में संदिग्ध मंकीपॉक्स रोगियों के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे जाएंगे। यह महामारी है, इसलिए प्रत्येक प्रभावित रोगी के निकट संपर्क का सर्वेक्षण किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों, बंदरगाहों वाले शहरों के स्वास्थ्य विभाग को वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ नियमित समन्वय बनाए रखना है।
आइसोलेशन में रखे जाएं रोगी
स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि मंकीपॉक्स के रोगी को आइसोलेशन वॉर्ड और घर में वेंटिलेशन वाले एक अलग कमरे में रखा जाना चाहिए। मरीज को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा। रोगी को लंबी बाजू वाली शर्ट और पतलून पहनना होगा, ताकि त्वचा पर चकत्ते ठीक से ढके रहें। रोगी को तब तक आइसोलेशन में रखा जाएगा, जब तक कि त्वचा पर दाने पूरी तरह से ठीक न हो जाएं और पपड़ी न गिर जाए। रोगी का रोगसूचक उपचार किया जाना चाहिए और पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जटिलताएं विकसित होने पर तुरंत किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। संक्रमित के संपर्क में आने पर २१ दिन तक निगरानी रखी जाएगी, साथ ही अन्य कई गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं।