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रिश्ते में लेन-देन नहीं लाडली बहनों को चाहिए सम्मान …साथ में मिले सुरक्षा और सशक्तीकरण …सुप्रिया सुले का हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
रिश्ता और लेन-देन दो अलग चीजें हैं। हालांकि, महायुति नेता ही रिश्तों की तुलना पैसे से कर दी है। उन्होंने बहन-भाई के पवित्र रिश्ते में लेन-देन ला दिया है इसलिए लाडली बहनों को रिश्ते में लेन-देन नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और सशक्तीकरण की जरूरत है। इस तरह का जोरदार हमला राकांपा (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने किया। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनावों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र में चुनाव दिसंबर तक टलने की आशंका है। ऐसी चर्चा है कि लाडली बहन योजना के कारण राज्य में चुनाव में देरी होगी। राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा हो रही है। इस पर सुप्रिया सुले ने अपनी राय रखी और महायुति सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोई भी रिश्ता प्यार और विश्वास का होता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं होता। रिश्ता चाहे कोई भी हो, वह सिर्फ और सिर्फ प्यार और विश्वास की डोर से बंधा होता है और उसी आधार पर कायम रहता है। रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है, जो हमें भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की याद दिलाता है।

नहीं बदलेंगे नतीजे
सुप्रिया सुले ने कहा कि चाहे कितने भी चुनाव टाल दिए जाएं, नतीजे नहीं बदलेंगे। पैसे बांटकर चुनाव नहीं जीता जा सकता। उनकी सरकार नहीं आएगी और यह योजना बंद नहीं होगी। सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हम इस योजना में और सुधार करेंगे।

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