सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के बहाने राज्य की महायुति सरकार बहनों को फुसलाने का काम रही है ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट महायुति को मिले, लेकिन सरकार की इस लालच देने वाली योजना को लेकर बहनें सतर्क हो गई हैं। राज्य में कानून व्यवस्था सहित आदि मुद्दों को उठाते हुए इस सरकार से पैसे नहीं बल्कि न्याय मांग रही हैं। बदलापुर में स्कूल की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के बाद उठी आग की लहर अब धीरे-धीरे राज्य के कोने- कोने में पहुंचने लगी है।
कल शनिवार को यवतमाल में लाडली बहन योजना का लाभ देने के संदर्भ में महायुति सरकार की ओर से वचनपूर्ति समारोह आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार शामिल हुए। लेकिन इस क्षेत्र की बहनों ने मुख्यमंत्री से न्याय मांगते हुए इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की, जिसके बाद सभा में हंगामा मच गया।
इस कार्यक्रम में मौजूद दिग्रस तालुका के आनंदवाड़ी के पारधी समुदाय की महिलाएं काफी आक्रामक थीं। इस दौरान उन्होंने नारे लगाए और सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। ये महिलाएं दिग्रस के थानेदार के तबादले की मांग को लेकर आक्रामक हो गई थीं जिसके बाद कुछ देर के लिए इस आयोजन स्थल पर अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप कर इन महिलाओं को बाहर निकाला और बाद में सभी के साथ चर्चा की गई। लेकिन इस प्रदर्शन से क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था।
मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव की मौजूदगी में लाडली बहन योजना का वचनपूर्ति समारोह किया जा रहा था। मुख्यमंत्री के आगमन पर उनके बायीं और दायीं ओर कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी हुई थी। इस बीच यवतमाल के दिग्रस तालुका के आनंदवाड़ी की कुछ महिलाओं ने नारे लगाने शुरू कर दिए। महिलाओं का आरोप है कि एक मामले में शिकायत दर्ज कराने आए अमोज प्रकाश चव्हाण की दिग्रस के थानेदार ने बेरहमी से पिटाई कर दी। इतना ही नहीं इस समाज के लोगों के प्रति थानेदार का रवैया विवादास्पद है।