सामना संवाददाता / नागपुर
राज्य में लाडली बहनों को चुनाव से पहले महायुति सरकार ने जमकर आर्थिक सहयोग राशि के नाम पर सीधे खाते में पैसे जमा किए, लेकिन अब इसमें सुधार के नाम पर जांच जरूर होगी। लाडली बहनों के आवेदन की स्क्रूटनी होगी। यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में स्वीकार करते हुए कहा कि लाडली बहन योजना में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। एक ही व्यक्ति के नाम पर कई खाते हैं, ऐसे में सरकार के राजस्व का नुकसान न हो इसके लिए हम जांच करेंगे। सरकारी पैसे के दुुरुपयोग को रोकना सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की जवाबदारी है। योजना की जांच होगी लेकिन लाडली बहनों को चिंता भी नहीं करने का आश्वासन फडणवीस ने दिया है। सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री बोल रहे थे।
लाडली बहनों को चुनाव से पहले सरकार ने आकर्षित करने के लिए उनके खाते में पैसे भेजे, लेकिन इससे सरकारी खजाने पर ४५ हजार करोड़ रुपए से अधिक बोझ आ रहा है। ऐसे में सरकार की आर्थिक हालत खराब होते दिख रही है। जिसके लिए सरकार ने अब लाडली बहनों को नियम में लाने की योजना बनाई है। इसके लिए लाडली बहन के आवेदन की जांच होगी। इसमें दोषी पाए जाने वाली बहनों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। पुलिस आर्थिक गबन के मामले में एफआईआर भी करेगी और उन्हें पैसे सरकार को लौटाने होंगे।
प्रदेश में लाडली बहन योजना को लेकर आवेदकों के आवेदन की जांच किए जाने की खबर की एक प्रकार से पुष्टि करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि लाड़ली बहन योजना के लिए कोई नए मानदंड नहीं है, लेकिन हम हर एक आवेदक के खाते में पैसा डाल रहे हैं। पहली जांच में पता चला है कि कुछ लोगों ने एक से अधिक खाते खोल रखे हैं। जिस प्रकार समाज में कुछ अच्छी प्रवृत्तियां हैं, उसी प्रकार कुछ बुरी प्रवृत्तियां भी हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी योजना का गलत उपयोग कर रहा है, तो यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम सुनिश्चित करें कि जनता के पैसे का सही उपयोग हो। उन्होंने कहा कि एक मामला ऐसा आया है कि एक आदमी ने ९ खाते खोले थे और उस पर पैसे भेजे गए हैं। तो ऐसे लोगों पर नियंत्रण जरूरी है। इसके लिए लाडली बहन योजना की नियमावली के तहत एक बार फिर से जांच कराई जाएगी।