सामना संवाददाता / लखनऊ
प्रयागराज के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इस केस में बड़े मियां और छोटे मियां, उल्लू, मुर्गी, मैडम जैसे कई सांकेतिक (कोड) नाम सामने आए हैं, जिनका असल में सीधा संबंध बाहुबलि अतीक अहमद, उसके परिजन और गिरोह में शामिल लोगों से बताया जा रहा है। पुलिस को मिली अतीक से जुड़ी जिस डायरी से ये सनसनीखेज राज खुले हैं, उसी डायरी से ये खुलासा भी हुआ है कि बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के प्रमुख गवाह उमेश पाल की हत्या की साजिश काफी पहले रची गई थी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड में अब ये खुलासा हुआ है कि इस वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग काफी पहले से चल रही थी। वहीं इस प्लानिंग पर अमल के लिए बरेली जेल में ११ फरवरी को अंतिम बैठक हुई थी। यह बैठक माफिया डॉन अतीक अहमद के भाई खालिद उर्फ अशरफ ने अपने आठ गुर्गों के साथ की थी। इसमें गुड्डू मुस्लिम, असद और उस्मान चौधरी के अलावा अन्य बदमाश शामिल थे।
तीन दिन पहले मिला ‘कोड’ नाम
बताया जा रहा है कि गुजरात की साबरमती और यूपी की बरेली जेल में रची गई इस साजिश को अंजाम देने से पहले तय हो चुका था कि वारदात से पहले और बाद में कोई भी अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करेगा। करीब १० दिन पहले वारदात में शामिल सभी लोगों को एक-एक आईफोन और तीन-तीन सिम कार्ड दिए गए थे। इसी के साथ यह भी तय किया गया था कि आई फोन पर एप के जरिए बातचीत में कोई भी व्यक्ति एक दूसरे का नाम नहीं लेगा, कोड वर्ड के जरिए ही बातचीत की जाएगी। इसी आधार पर वारदात में शामिल सभी लोगों के नाम के अलग कोड वर्ड तैयार किए गए थे। अतीक के घर से मिली डायरी से पुलिस इन कोड वर्ड्स को डीकोड करने में कामयाब हुई है। अतीक की डायरी से पता चला है कि साजिश के लिए गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद को ‘बड़े’, जबकि यूपी की बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को ‘छोटे’ नाम दिया गया था। इसी तरह वारदात में शामिल पांच-पांच लाख के इनामी पांचों शूटर्स के नाम के भी कोड वर्ड तैयार किए गए थे, जिनमें इलेक्ट्रिक शॉप में छिपकर फायरिंग करने वाले शूटर गुलाम को ‘उल्लू’, गुड्डू मुस्लिम को मुर्गी का कोड वर्ड दिया गया था। बताया जा रहा है कि गुड्डू मुस्लिम के परिवार वाले चिकन शॉप चलाते हैं, इसलिए कोड वर्ड में उसका नाम ‘मुर्गी’ रखा गया था। शूटर अरमान बिहार के सासाराम का रहने वाला है, इसलिए उसे ‘बिहारी’ कोड वर्ड दिया गया। शूटर विजय चौधरी का नाम ‘उस्मान’ रखा गया था। दूसरी ‘मैडम’ पर सस्पेंस बरकरार
बताया जा रहा है कि फिल्म ‘तेरे नाम’ में सलमान खान ने जिस तरह बड़े-बड़े बाल रखे थे, असद भी उसी स्टाइल में लंबे बाल रखता था। फिल्म तेरे नाम में सलमान खान ने ‘राधे’ का किरदार निभाया था, इस वजह से असद को ‘राधे’ कोड वर्ड दिया गया था। सूट आउट में माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी अहम भूमिका निभाई थी। वह साजिश वाली बैठकों में शामिल भी होती थी। इसी वजह से पहले उसे ‘गॉड मदर’ कोड एलॉट किया गया था। हालांकि, ‘गॉड मदर’ कोड से किसी महिला के बारे में बातचीत किए जाने का एहसास होता है, इसलिए बाद में शाइस्ता परवीन का कोड बदल दिया गया और उसे ‘गॉड मदर’ के बदले ‘साईं बाबा’ कोड वर्ड से पुकारा जाने लगा। इस पूरी वारदात में अतीक अहमद के परिवार के अकाउंट का काम देखने वाले आसाद कालिया का भी अहम रोल था। आरोप है कि आसाद कालिया ने ही शूटर साबिर को राइफल मुहैया कराई थी। उसे कमर में दर्द रहता है। इस वजह से वह अक्सर तेज नहीं चल पाता है। इसके चलते आसाद कालिया को ‘लंगड़ा’ नाम दिया गया था। अतीक के मुंशी को ‘मुनीम’ कोड वर्ड दिया गया था। बहनोई डॉक्टर अखलाक पेशे से चिकित्सक है, लिहाजा, उसे ‘डॉक्टर’ कोड वर्ड दिया गया था। हालांकि, अभी तमाम लोगों के कोड का पुलिस पता नहीं लगा सकी है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ लोगों को पंडित, तोता, बल्ली, कछोली, सैम, हलवाई, शेरू, रसिया और माया कोड वर्ड भी दिए गए थे। इसके अलावा ‘मैडम’ कोड वर्ड भी अलॉट किया गया था। शाइस्ता के अलावा दूसरी मैडम कौन है, यह अभी सस्पेंस है।