सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के लाखों नागरिकों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने वाले तीन प्रमुख रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) – कोनार्क बंदर ब्रिज, गोखले ब्रिज और विक्रोली ब्रिज-का काम सालों से अटका हुआ है। बार-बार बदली जा रही डेडलाइन और प्रोजेक्ट की धीमी गति ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। अब बीएमसी ने दावा किया है कि यह ब्रिज अगले मानसून से पहले चालू हो जाएंगे, सच्चाई इन दावों से काफी दूर नजर आती है।
मुंबईकरों की उम्मीदें टूटीं
मुंबईकर इन आरओबी की देरी से परेशान हैं। रोजाना की ट्रैफिक समस्या और लंबे सफर ने लोगों की जिंदगी दूभर कर दी है। ठेकेदारों पर जुर्माने और नई डेडलाइन के बावजूद यह सवाल बरकरार है कि आखिर इन प्रोजेक्ट्स को कब पूरा किया जाएगा?बीएमसी के वादे और वास्तविकता के बीच की यह खाई जनता के धैर्य की परीक्षा ले रही है।
कोनार्क बंदर ब्रिज:
छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और मस्जिद बंदर को जोड़ने वाले १५४ साल पुराने कोनार्क बंदर ब्रिज को २०१४ में भारी वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था। इसके पुनर्निर्माण में हैंकॉक ब्रिज का काम और अतिक्रमण जैसी समस्याएं रोड़ा बनीं। अब तक ८० प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन दूसरा गर्डर जनवरी २०२५ तक ही लगाया जा सकेगा। बीएमसी ने दावा किया है कि ब्रिज ३१ मई, २०२५ तक चालू हो जाएगा।
गोखले ब्रिज:
अंधेरी के पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाला गोखले ब्रिज ७ नवंबर, २०२२ को असुरक्षित घोषित कर बंद कर दिया गया। मई २०२३ में इसका काम पूरा होना था, लेकिन अब इसे अप्रैल २०२५ तक टाल दिया गया है। उत्तर दिशा का हिस्सा फरवरी २०२४ में हल्के वाहनों के लिए खोला गया, लेकिन मुख्य काम अभी अधूरा है। बीएमसी ने ठेकेदार पर ३ करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
विक्रोली ब्रिज:
लाल बहादुर शास्त्री मार्ग को ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ने वाले विक्रोली ब्रिज का काम अप्रैल २०१८ में शुरू हुआ। साइट पर अतिक्रमण, भूमि अधिग्रहण और अन्य समस्याओं के कारण यह प्रोजेक्ट बार-बार लटकता रहा। महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने बीएमसी की खराब योजना और साइट पर सही अनुमान न लगाने की कड़ी आलोचना की। हालांकि, ९० प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और ब्रिज को मार्च २०२५ तक चालू करने का दावा किया जा रहा है।