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मुंबई में उठी अमित शाह के इस्तीफे की मांग! … पब्लिक ने बताया, नफरत की राजनीति का अंजाम

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में दो दर्जन से ज्यादा पर्यटकों की मौत हो गई। पर्यटन के लिए मशहूर पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए इस हमले की कड़ी निंदा मुंबई समेत पूरे देश में हो रही है। मुंबई में न केवल गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग उठ रही है, बल्कि मुंबईकरों का कहना है कि वे देशवासियों से माफी भी मांगें। मुंबई की पब्लिक का कहना है कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला देश में पैâलाई जा रही नफरत की राजनीति का अंजाम है। बता दें कि कश्मीर की घाटी एक बार फिर खून से लाल हो गई। ये सभी पर्यटक गर्मी के मौसम में कश्मीर की घाटी का भ्रमण करने पहुंचे थे। सब अपने परिवार के साथ सैर-सपाटा कर रहे थे। पहलगाम टेरर अटैक के बाद मुंबई और महाराष्ट्र समेत पूरे देश के लोगों में खासा गुस्सा देखने को मिल रहा है।

सभी दलों ने किया निषेध
मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) समेत विभिन्न दलों के नेताओं, कई सामाजिक संगठनों और आम मुंबईकरों ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह का निषेध करते हुए विरोध जताया है।

 

सुरक्षा एजेंसियों की विफलता है हमला
गृहमंत्री के दावे निकले खोखले!
-मुंबईकरों ने ठहराया जिम्मेदार

इस पूरे मामले की जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए। साथ ही अपनी नैतिकता को समझते हुए गृहमंत्री पद से मुक्त हो जाना चाहिए।

मुंबईकरों का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री के दावे खोखले साबित हुए हैं। पर्यटकों की सुरक्षा कर पाने में केंद्र सरकार असफल साबित हुई है। ऐसे में अमित शाह को गृहमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पुणे में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने घटना का निषेध करते हुए पोस्टर पकड़े, जिनमें से एक पर लिखा था कि पहलगाम टेरर अटैक सरकार और खुफिया एजेंसियों की विफलता है। दूसरे पर लिखा था कि जो हिंदू की बात करेगा, वही देश चलाएगा। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी आतंकवादियों के पोस्टर भी जलाए।
गृहमंत्री को हमले की लेनी चाहिए जिम्मेदारी
कांदिवली निवासी अमित पांडेय ने कहा कि इस हमले ने देशवासियों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि धरती का स्वर्ग कश्मीर नरक में बदल रहा है। निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। एक भी निर्दोष को मारना पूरी कायनात को मारने के बराबर है। इस पूरे मामले की जिम्मेदारी गृहमंत्री अमित शाह को लेनी चाहिए। साथ ही अपनी नैतिकता को समझते हुए गृहमंत्री पद से मुक्त हो जाना चाहिए।
कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता
मुंबई के मालवणी निवासी मोहम्मद हदीश सिद्दीकी ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता, क्योंकि कोई भी धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता। उन्होंने कहा कि यह हमला मुसलमानों के लिए शर्मनाक है और पूरा समुदाय हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है।
गृहमंत्री की है विफलता
वसई निवासी ऋषिकेश तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों की संख्या घटाई। उन्हें घटिया अस्त्र-शस्त्र दिए और अग्निवीर जैसी अधूरी योजनाओं से देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया। इसका खामियाजा आज आम लोगों को अपनी जान देकर भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है। ऐसे में इतनी बड़ी घटना के लिए वह अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती। सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक वैâसे हुई? ये केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह की विफलता है।
जख्मों पर नमक छिड़कने का हो रहा काम
नालासोपारा निवासी विशाल शुक्ल ने कहा कि जिन लोगों ने इस हमले में अपनों को खोया है, उनके जख्मों पर सरकार ने नमक छिड़कने का काम किया है। सत्ता दल हर आपदा में सत्ता और सियासत के मौके तलाशता है। इतने बड़े और दर्दनाक हादसे पर भी सत्ता दल ने संवेदना दिखाने की बजाय राजनीतिक प्रचार के लिए विज्ञापन छापकर अपने अमानवीय चेहरे को उजागर कर दिया है।
हिंदुस्थान मांगे बदला
बोरीवली निवासी नित्या पांडेय ने कहा कि पहलगाम टेरर अटैक में निर्दोषों की गई जान का बदला लिया जाना चाहिए। साथ ही आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब केवल बयानबाजी नहीं, आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम जरूरी है। देश अब चुप नहीं बैठेगा इसलिए हर आंसू का हिसाब होना चाहिए।
कायराना हमला
मालाड निवासी ज्योति शाह ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। यह कायराना हमला है। इस हमले को रोकने में केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह पूरी तरह से फेल हुए हैं इसलिए उनका गृहमंत्री पद पर रहना देश के लिए खतरा है।

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