सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की लोकल ट्रेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवाज में आनेवाले स्वच्छता के विज्ञापन से यात्री तंग आ चुके हैं। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए डबल इंजिन की सरकार ने तमाम तरह के विज्ञापनों पर पूरी ताकत झोंक रखी है। हजारों करोड़ का फंड इन विज्ञापनों पर खर्च किया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार के वही पुराने राग को सुन-सुनकर लोग तंग आ चुके हैं। लोगों को पसंद नहीं है लेकिन फिर भी विज्ञापन कंपनियां सरकार के निर्देशानुसार काफी जोर की आवाज में सरकार की असफल योजनाएं जबरन लोगों तक पहुंचा रही हैं। अब यात्रियों ने रेलवे से लोकल ट्रेनों में मोदी की इस आवाज को बंद करने की मांग की है।
बता दें कि मध्य रेलवे के लोकल यात्री विज्ञापनों की तेज आवाज से बेहद नाराज हो गए हैं। उन्होंने मोदी सरकार के इस कानफाडू विज्ञापन को लेकर नाराजगी जताई है और मोदी की आवाज बंद करने की मांग करते हुए रेलवे के सोशल मीडिया के जरिए लिखित शिकायत की है।
सोशल मीडिया पर की गई इस शिकायत को लोगों का जमकर समर्थन मिला है, जिसके बाद मध्य रेलवे ने इस पर संज्ञान लिया है। मध्य रेलवे विभाग के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि इस तरह की शिकायत मिली है। इस संबंध में संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया गया है। उस विज्ञापन की आवाज कम करने का निर्देश दिया गया है।
मोदी की आवाज बंद करने पर रेलवे कर रही है विचार!
मध्य रेलवे की लोकल ट्रेनों में जोर से बजने वाले विज्ञापनों के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोकल ट्रेनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता से संबंधित विज्ञापन के साथ अन्य तेज आवाज में बजने वाले विज्ञापनों से यात्रियों को असुविधा हो रही है। लोगों ने मोदी की उस आवाज को बंद करने के लिए रेलवे को आग्रह किया है। यात्रियों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मध्य रेलवे मोदी के विज्ञापन को बंद करने का भी विचार कर रही है। बता दें कि मध्य रेलवे ने अपने राजस्व को बढ़ाने के लिए लोकल ट्रेनों में साउंड व स्पीकर के माध्यम से विज्ञापनों को बजाने की अनुमति दी है। लेकिन ये विज्ञापन यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। मध्य रेलवे के संबंधित विभाग ने पांच साल के लिए एक ठेकेदार को १.७ करोड़ रुपए में १३४ लोकल रेक्स में ऐसे विज्ञापन का ठेका दिया है। इन विज्ञापनों पर मध्य रेलवे का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके अलावा, ये विज्ञापन काफी तेज आवाज में बजाए जा रहे हैं, जिससे यात्री काफी परेशान हो रहे हैं। यात्री जावेद शेख ने बताया कि पहले से ही ट्रेनों की भीड़भाड़ और शोर के बीच ये विज्ञापन काफी तेज आवाज में बजते हैं। यात्रियों ने इस बारे में कई बार मध्य रेलवे से शिकायत की है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यात्रियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है।
आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए डबल इंजिन की सरकार ने तमाम तरह के विज्ञापनों में पूरी ताकत झोंक रखी है। हजारों करोड़ का फंड इन विज्ञापनों पर खर्च किया जा रहा है। लेकिन मोदी सरकार के वही पुराने राग को सुन-सुनकर लोग तंग आ चुके हैं।