सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की स्थिति बिगड़ गई है इसलिए विशेष अधिवेशन बुलाया जाना चाहिए, ऐसी मांग कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने की है। इसी के साथ रत्नागिरी में बारसू रिफाइनरी का कड़ा विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को दबाने के लिए राज्य सरकार पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है, ऐसा आरोप भी पटोले ने लगाया है।
कोकण की प्रकृति को नष्ट करने का काम राज्य की ईडी सरकार कर रही है। ऐसा कहते हुए उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने राज्यपाल से मिलकर वर्तमान में चल रही समस्याओं के मद्देनजर दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान खारघर में हुई १४ लोगों की मौत सरकारी हत्याकांड है, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। इस घटना के लिए सरकार की लचर योजना जिम्मेदार है। खारघर घटना की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा जांच की जानी चाहिए। इसके अलावा बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उन्हें भी तत्काल मदद दी जानी चाहिए। इन सारे मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कल राज्यपाल से मिलकर की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व मंत्री नसीम खान आदि नेताओं का समावेश था। राज्यपाल को निवेदन देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आसमानी संकट से राज्य के किसान तबाह हो गए हैं। किसानों की आत्महत्या के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इन संकटों के बावजूद सरकार किसानों की मदद नहीं कर रही है। खराब मौसम और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन अभी तक पंचनामे का काम नहीं हुआ है। सरकारी राजस्व और कृषि विभाग के पास फसलों को हुए नुकसान की पूरी जानकारी है। इस आधार पर सरकार द्वारा किसानों को पर्याप्त मदद करनी चाहिए। किसानों को कर्ज न देने के मकसद से सिबिल की दमनकारी नीति लागू की गई है। पटोले ने कहा कि किसानों को कर्ज न मिले, इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने सिबिल की शर्त जरूरी कर दी है। हमारी मांग है कि इसमें ढील दी जाए।
‘जन विरोधी है ईडी सरकार!’
महाराष्ट्र की वर्तमान शिंदे-फडणवीस सरकार महाराष्ट्र विरोधी व जनविरोधी सरकार है। महाराष्ट्र में जनता को काम करनेवाली सरकार चाहिए, ऐसे तीव्र शब्दों में `आम आदमी पार्टी’ पार्टी की मुंबई अध्यक्ष प्रीति मेनन ने ईडी सरकार की आलोचना की है। महाराष्ट्र प्रगतिशील राज्य है। यह शाहू, फुले-आंबेडकर जी के विचारों पर चलने वाला राज्य है। महाराष्ट्र अखंड रहे, इसके लिए हजारों शहीदों ने प्राणों की आहुति दी। महाराष्ट्र के हर नागरिक को लगता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमारा महाराष्ट्र मजबूती से खड़ा रहे। महाराष्ट्र आदर्श राज्य है और इस आदर्श राज्य को बचाने की आवश्यकता है। कारण आज महाराष्ट्र में ऐसी परिस्थिति निर्माण हुई है कि जो वर्तमान में ईडी सरकार सत्ता में बैठी है, वह महाराष्ट्र और जन विरोधी सरकार है, ऐसा मेनन ने कहा। बारसू हो या आरे प्रत्येक जगह पर जनता को सताने का काम शुरू है। लोगों की जरूरतों की अनदेखी की जा रही है और विकास के नाम पर प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट किया जा रहा है, ऐसा मेनन ने कहा।
छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मिले महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण!
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि मविआ सरकार के दौरान मैंने मराठा आरक्षण उप समिति के अध्यक्ष के नाते आरक्षण की सीमा को ५० प्रतिशत से आगे बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि ५० प्रतिशत की सीमा बढ़ाए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना संभव नहीं है। इस मुद्दे को सांसदों ने संसद में भी उठाया था, लेकिन मोदी सरकार ने इस पर कोई पैâसला नहीं लिया। चव्हाण ने कहा कि सिर्फ क्यूरेटिव पिटीशन से कुछ भी हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में माननीय सुप्रीम कोर्ट के पैâसले से ५८ फीसदी आरक्षण लागू हो रहा है। छत्तीसगढ़ की तरह महाराष्ट्र को भी मराठा आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। चव्हाण ने राज्यपाल से अनुरोध करते हुए कहा कि वे उनके माध्यम से केंद्र सरकार को इस बारे में भी सूचित करें।