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कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का उमड़ा रेला

उमेश गुप्ता/वाराणसी

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। भोर से ही श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे। गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य के भागी बने। इस दौरान विधिविधान से पूजन-अर्चन करने के साथ ही पंडे-पुरोहितों को दान दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट रहा।

काशी में दशाश्वमेध घाट समेत गंगा के अस्सी,पंचगंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का विशाल जनसैलाब उमड़ा हुआ है। दूर-दूर से आए लोग सुबह से ही गंगा स्नान, दान-पुण्य और ध्यान-भजन में जुटे हुए हैं। सुबह 7 बजे तक लगभग 1 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया था। श्रद्धालुओं की भीड़ रात से ही घाटों पर आने लगी थी। उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ से भी बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए आए हैं। देव दीपावली पर आए पर्यटक भी इस पावन स्नान का हिस्सा बनने से नहीं चूके। नारायण गुरु कहते हैं कि काशी में पंचगंगा घाट पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर प्रातःकाल स्नान करने से पापों का क्षय और भाग्य का उदय होता है।

काशी में शाम को देव दीपावली मनाई जाएगी। वहीं सुबह में गंगा स्नान के मद्देनजर प्रशासन मुस्तैद रहा। जल पुलिस, एनडीआरएफ के साथ ही पुलिस लगातार चक्रमण कर हालात का जायजा लेती रही। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाटों पर प्रबंध किए गए हैं। साथ ही उन्हें गहरे पानी में न जाने के लिए भी आगाह किया जा रहा है, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना न होने पाए।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्याधर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर विनय कुमार पांडे ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर सुबह 3.04 बजे से शुरू हुआ स्नान 16 नवंबर की रात 01.06 बजे तक चलेगा। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान सुबह 3 बजकर 4 मिनट से दिन भर कर सकते हैं। पूर्णिमा व्रत रखने वाले श्रद्धालु 16 नवंबर को व्रत का पारण करेंगे। 15 नवंबर शाम में देव दीपावली भी मनाई जाएगी। उन्होने बताया कि शास्त्र में तीन दीपावली का जिक्र है। अश्विन अमावस्या को पित्र दीपावली, कार्तिक अमावस्या को मानव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़ उमड़ी। प्रत्येक वर्ष पूर्णिमा स्नान करने वाले श्रद्धालु चतुर्दशी की आधी रात के बाद से ही घाट पर पहुंचने लगे थे। बीते वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर दो से तीन लाख श्रद्धालुगंगा नदी में डुबकी लगाने पहुचे थे। उन्होने बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान से सुख, संपत्ति, समृद्धि व मानसिक सुख की प्राप्ति होती है। कार्तिक महीने में बड़ी संख्या में लोग महीने भर गंगा स्नान करते हैं। पूर्णिमा स्नान कर इस व्रत की भी पूर्णाहूति होगी।

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