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भाजपा से छिटक गए भक्त! … ४०० पार वाली जुमला पार्टी को लगा दूसरा झटका

– अब सदस्यता टारगेट में भी हुई फेल; नड्डा की नींद उड़ी
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लगता है भाजपा से भक्त छिटकते जा रहे हैं। हाल ही में भाजपा अपने दम पर बहुमत नहीं पा सकी थी। इसके बाद भाजपा ने विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करते हुए सदस्यता अभियान शुरू किया था। मगर ४०० पार वाली जुमला पार्टी को दूसरा झटका लगा है। भाजपा ने सदस्यता का जो टारगेट फिक्स किया था, उसमें वह फेल हो गई। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की नींद उड़ गई है। खबर है कि नड्डा ने कई नेताओं को फटकार लगाई है।
मिली जानकारी के अनुसार, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर देशभर से एक करोड़ सदस्य बनाने के लक्ष्य से पिछड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत २ सितंबर को नई दिल्ली में सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी और लक्ष्य रखा गया था कि २५ सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर १ करोड़ नए लोगों को पार्टी से जोड़ा जाएगा। इस दौरान मोदी ने भी अपनी मेंबरशिप रिन्यू करवाई थी। तब हर राज्य के लिए एक टारगेट तय किया गया और देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोर-शोर से सदस्यता अभियान शुरू कर दिया, लेकिन कोई भी बड़ा प्रदेश अपने लिए तय लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है।
आंकड़ों के लिहाज से उत्तर प्रदेश सदस्यता अभियान में सबसे ऊपर है, लेकिन टारगेट पूरा करने के लिहाज से त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों ने ही बाजी मारी है। बाकी राज्यों के पिछड़ने और कुछ राज्यों के लक्ष्य से बहुत दूर रहने से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो नड्डा ने पटना में आयोजित एक बैठक में बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जयसवाल और उप-मुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को फटकार लगाई है। सम्राट चौधरी बिहार भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। गत जुलाई में उन्हीं की जगह दिलीप जयसवाल को बिहार भाजपा का नया अध्यक्ष बनाया गया। भाजपा सूत्रों ने बताया कि २५ सितंबर तक पार्टी केवल ८३ लाख नए सदस्य ही बना पाई, जो उसके लक्ष्य से १७ लाख कम है। २५ सितंबर को सदस्यता अभियान के पहले चरण का आखिरी दिन था। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान और बिहार लक्ष्य पूरा करने के मामले में सबसे फिसड्डी साबित हुए हैं। दोनों ही प्रदेशों में भाजपा सरकार में है। राजस्थान में पार्टी ने पिछले साल दिसंबर में कांग्रेस को हराकर ११५ सीटें जीती थीं। वहां पार्टी ५५ लाख के लक्ष्य के मुकाबले केवल २६ लाख नए सदस्य ही जोड़ पाई है। बिहार में भाजपा और नीतीश कुमार की जेडीयू के गठबंधन की सरकार है। वहां भी बीजेपी सदस्यसता अभियान के लक्ष्य से काफी पीछे रही है। बिहार भाजपा को ६५ लाख नए सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया था, लेकिन वो केवल३२ लाख सदस्य ही जोड़ पाई।

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