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ढाका टू मुंबई : मीरा रोड से हटा बांग्लादेश नगर, आज भी भरे हैं बांग्लादेशी

जय सिंह

बांग्लादेश से हिंदुस्थान लाकर मुंबई व उसके आसपास के नए इलाकों में बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट बनाकर हिंदुस्थानी बनाने के साथ-साथ उन्हें यहां बसाया जा रहा है। मुंबई, मीरा रोड, नालासोपारा, नई मुंबई को बांग्लादेशी अपना नया गढ़ बनाने पर तुले हुए हैं। इसके पहले पाकिस्तानी आईएसआई द्वारा मुंबई को निशाना बनाया जा रहा था। जगह-जगह विस्फोट कर भय का माहौल पैदा किया जा रहा था। अब बांग्लादेश पकिस्तान की राह पर चल पड़ा है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।
आखिर शांत, सुरक्षित मुंबई व उसके आसपास के इलाके अचानक बांग्लादेशियों के साये में वैâसे पहुंच गए? जाहिर है बिना सिंडीकेट और मास्टर माइंडों के यह असंभव है। जनता और पुलिस को जानकारी देनेवाली खोज अब आगे शुरू होगी। हम इसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों की जानकारी दे रहे हैं। आज से हम बताएंगे कि ढाका से मुंबई आकर बांग्लादेशी वैâसे अपना ठिकाना बनाते हैं। पिछले सप्ताह जिस तरह से मुंबई, मीरा रोड व नई मुंबई में बांग्लादेशियों को पकड़ा गया उससे पता चलता है कि बांग्लादेशियों ने मुंबई व उसके आस-पास के इलाकों को अपना अड्डा बना रखा है। पाकिस्तान द्वारा हिंदुस्थान के खिलाफ जब भी कोई मुहिम छेड़ी जाती है, उसमें मीरा रोड का नाम आता ही आता है। इसके पहले मीरा रोड कई सालों से लश्कर-ए-तोयबा का अड्डा बना हुआ था, इसके बाद अवैध नीग्रो ने मीरा रोड पर कब्जा जमाया हुआ था।
३ साल में बांग्लादेशी नागरिकों की यहां भरमार हो गई है। नई मुंबई में २०२३ में ३६ मामला दर्ज कर पुलिस ने ८९ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया, जबकि २०२४ में ४७ मामले दर्ज कर १३५ और २,९२५ में मात्र २० दिन में ४६ यानी की २७० बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। पकड़े गए बांग्लादेशियों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि यह लोग पिछले १० से १५ वर्षों से रह रहे थे।
देशभर से बांग्लादेशियों को पकड़ा जा रहा है तो मीरा रोड वैâसे अछूता रहता। उसके पहले दर्जनों बार यहां से बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गए है। आश्चर्य तो तब हुआ जब मीरा-भाइंदर महानगरपालिका द्वारा बस स्टाप का नाम ही बांग्लादेश रख दिया गया था और इस इलाके का नाम इंदिरा नगर से बदलकर बांग्लादेश नगर रखा हुआ था। सूत्रों की मानें तो यहां भारी मात्रा में बांग्लादेशी रहते थे। मीरा रोड के नया नगर में मात्र ६०० रुपए में इनका आधार कार्ड का अड्रेस लीव एंड लाइसेंस के फर्जी पेपर पर बदल दिया गया है। अगर जांच की जाए तो उत्तन के करीब बांग्लादेश नगर में आज भी बांग्लादेशियों की घुसपैठ है।
मीरा-भायंदर शहर का मीरा रोड क्षेत्र मुंबई से एकदम सटा हुआ है तथा यह मुंबई का प्रवेश द्वार भी है। मीरा रोड के अंतर्गत आनेवाले नया नगर को पूरे ठाणे जिले के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक कहा जा सकता है। कई ऐसे बांग्लादेशी हैं जो आए तो बांग्लादेशी थे, पर अब हिंदुस्थानी हो गए हैं।
आज मीरा रोड में धड़ल्ले से बांग्लादेशी बसाए जा रहे हैं। पुलिस ने यहां से ४७ बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। यहां पर प्रतिबंधित मुस्लिम संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के मुस्लिम अपराधी ‘पाव’ के छद्म नाम से आतंक मचा रहे थे। बताया जाता है कि मीरा रोड में दो बड़ी मस्जिदों के साथ-साथ कम से कम पच्चीस छोटी-बड़ी अवैध मस्जिदें बनी हैं। बांग्लादेशी अपने आपको मुसलमान साबित कर उनकी आड़ में भी छुप जाते हैं। बांग्लादेशियों को खोजने में कभी-कभी देशभक्त मुसलमान भी प्रताड़ित हो जाता है!

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