जय सिंह
मुंबई व महाराष्ट्र के कई शहरों तक पहुंचने से पहले इन बांग्लादेशियों को कई रास्तों से गुजरना पड़ता है। इनका पहला पड़ाव होता है बांग्लादेश का बॉर्डर। लंबाई के हिसाब से देखा जाए तो बांग्लादेश हिंदुस्थान का सबसे बड़ा पड़ोसी है। देश के गृह मंत्रालय के अनुसार, बांग्लादेश के साथ हिंदुस्थान की सीमा ४,०९६ किलोमीटर लंबी है। चीन के साथ हमारी सीमा ३,४८८ किलोमीटर है, तीसरे नंबर पर आता है पाकिस्तान, जिसके साथ हमारी सीमा ३,३२३ किलोमीटर है। बांग्लादेश के साथ भारत की ४,०९६.७ किलोमीटर लंबी सीमा पांच राज्यों से होकर गुजरती है। ये राज्य हैं पश्चिम बंगाल (२२१६.७० किमी), असम (२६३ किमी), मेघालय (४४३ किमी), त्रिपुरा (८५६ किमी) और मिजोरम (३१८ किमी)।
ये पूरा इलाका मैदानी, नदी-तटीय, पहाड़ी और जंगल वाला है। यह इलाका घनी आबादी वाला है और कई इलाकों में सीमा सुरक्षा की बाड़ नहीं लगी हुई है। सूत्रों पर विस्वास करें तो सबसे ज्यादा घुसपैठ पश्चिम बंगाल और झारखंड के बॉर्डर से होना बताया जा रहा है।
हिंदुस्थान में बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ को लेकर ईडी ने पश्चिम बंगाल और झारखंड की १७ जगहों पर छापेमारी की है। कार्रवाई में फर्जी आधार कार्ड, जाली पासपोर्ट, प्रॉपर्टी से जुड़े कागजात, अवैध हथियारों समेत कई चीजें बरामद की गई हैं। मुंबई पुलिस से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन बांग्लादेशी नागरिकों के लिए पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज प्राप्त करना कोई कठिन काम नहीं है। एटीएस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों में से ८५ बांग्लादेशी नागरिकों ने फर्जी पासपोर्ट तैयार किए थे। वहीं शिवड़ी पुलिस ने तीन बांग्लादेशी आरोपियों को फर्जी भारतीय दस्तावेजों के साथ पकड़ा था। पुलिस ने रफीक शेख को गिरफ्तार किया, जो फर्जी दस्तावेज जैसे रूम अग्रीमेंट, एफिडेविट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र, जन्मतिथि प्रमाण-पत्र आदि बनाया करता था। फर्जी दस्तावेज के लिए ५०० से लेकर १,००० रुपए तक वसूल किए जाते थे। वहीं राशन कार्ड के ५ हजार से १० हजार, डोमिसाइल सर्टिफिकेट के १० से १५ हजार, बैंक एकाउंट खुलवाने के १० से १५ हजार, ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के ५ से ८ हजार, फेक पैन कार्ड के ५ से १० हजार और पासपोर्ट बनवाने के ५० हजार से १ लाख तक एजेंटों का ये सिंडिकेट इन बांग्लादेशियों से वसूलता है। एक बार ये कागजात मिल जाए तो ये बांग्लादेशी नागरिक यहां के लोकल स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवा देते हैं, नौकरी पा जाते हैं और मतदाता बन जाते हैं।
वोट जिहाद ऐसे ही बढ़ रहा है। ये बांग्लादेशी कुछ खास राजनैतिक पार्टियों के वोटर बन जाते हैं। इन्हें फंडिंग मिलती है और ये देश के लिए नासूर बन जाते हैं। मुंबई के साथ ही पुणे में पिपरी, चिंचवड़ पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों पर कार्रवाई की। पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस की आतंकवाद-विरोधी शाखा ने पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्राधिकार में राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित किसी भी चीज पर अपने ‘कंपलीट जीरो टॉलरेंस’ रुख के अनुरूप पिछले साल १० मामलों में ३३ अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया है। देश में पहली बार पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से प्राप्त ६२ पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं।