सामना संवाददाता / नई दिल्ली
केरल के एर्नाकुलम में एक उपभोक्ता अदालत ने हाल ही में एक आदेश में केरल मैट्रिमोनी को एक व्यक्ति को २५,००० रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जिसने आरोप लगाया था कि मैच-मेकिंग पोर्टल उसे दुल्हन खोजने में विफल रहा। अदालत ने यह देखते हुए कि वह व्यक्ति मैच-मेकिंग प्लेटफॉर्म के कई पीड़ितों में से एक था, मैट्रिमोनियल वेबसाइट को पीड़ित व्यक्ति को ब्याज सहित ४,१०० रुपए की फीस और मुकदमे की लागत के रूप में ३,००० रुपए वापस करने का आदेश दिया।
यह मामला तब सामने आया जब चेर्थला के एक व्यक्ति ने मई २०१९ में एर्नाकुलम में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम (डीसीडीआरसी) का दरवाजा खटखटाया। उस व्यक्ति ने २०१८ में केरल मैट्रिमोनी की वेबसाइट पर अपने बायोडाटा के साथ खुद को पंजीकृत किया था। अदालत में दिए गए उसके कथन के अनुसार, केरल मैट्रिमोनी के एक प्रतिनिधि ने उससे संभावित दुल्हन से मिलान करने के लिए तीन महीने की सदस्यता शुल्क के रूप में ४,१०० रुपए का भुगतान करने के लिए दबाव डाला। पीड़ित व्यक्ति ने अदालत को बताया कि फीस का भुगतान करने से पहले उसने संभावित मैच के बारे में जानकारी मांगी थी। हालांकि, पोर्टल के कर्मचारी ने कहा कि फीस का भुगतान करने के बाद ही जानकारी साझा की जा सकती है। जनवरी २०१९ में जब व्यक्ति ने केरल मैट्रिमोनी को शुल्क का भुगतान किया, तो वेबसाइट पर उसके कॉल का कथित रूप से कोई उत्तर नहीं मिला। दूसरी ओर केरल मैट्रिमोनी ने उपभोक्ता अदालत को बताया कि उस व्यक्ति ने उनके क्लासिक पैकेज की सदस्यता ली थी, जिसके तहत उसे कई प्रोफाइल और संचार सुविधाओं तक पहुंच प्राप्त हुई थी। एजेंसी ने तर्क दिया कि इसमें कहीं भी यह नहीं लिखा था कि वे शिकायतकर्ता के लिए विवाह की व्यवस्था करेंगे, न ही वह ऐसी गारंटी का कोई सबूत दिखा सका। मैचमेकिंग पोर्टल ने अदालत को बताया कि वह सिर्फ एक मध्यस्थ है और उसकी भूमिका अपनी वेबसाइट पर भावी दुल्हनों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है। उसने दलील दी कि पोर्टल पर पंजीकृत ग्राहकों द्वारा दर्ज की गई जानकारी तक पहुंच प्रदान करने के अलावा उसकी कोई भूमिका नहीं है। वेबसाइट ने आगे बताया कि उस व्यक्ति के पास कई प्रोफाइल तक पहुंच थी और उसे उपयुक्त दुल्हन खोजने के लिए ऐसे प्रोफाइल से जुड़े ५० नंबरों पर संपर्क करने की अनुमति थी और कंपनी ने पीड़ित व्यक्ति को ये नियम और शर्तें स्पष्ट रूप से बता दी थीं।