अमिताभ बच्चन की एक फिल्म आई थी शराबी, जो काफी हिट थी अपने समय की। अमिताभ बच्चन उस फिल्म में अपने पिता द्वारा नजरअंदाज किए जाने के चलते शराब पीते रहते हैं, लेकिन फिल्म का नाम है शराबी। दूसरी ओर बॉलीवुड में एक एक्टर हुआ करते थे केस्टो मुखर्जी, जो हर फिल्म में कमोबेश में शराब के ही नशे में रहते थे। ८० के दशक में एक प्रसिद्ध सीरियल हुआ करता था दूरदर्शन पर नुक्कड़, उसमें एक वैâरेक्टर हुआ करता था खोपड़ी वह भी नशे में धुत रहता था। ऐसे वैâरेक्टर से आपका पाला अपनी जाति जिंदगी में भी पड़ा होगा। अब आप तय कीजिए कि शराबी कौन और पियक्कड़ कौन? और यदि आप असमंजस में हैं तो जाने-माने एक्टर मकरंद देशपांडे के डेफिनेशन पर गौर कीजिए। काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में मकरंद देशपांडे ने उनके एक शो के दौरान कहा कि हर कोई पियक्कड़ नहीं होता। शराबी होना और पियक्कड़ होना अलग-अलग बातें हैं। नाटक में मकरंद ने तीन पियक्कड़ों का वर्णन किया है। पहले एक मोटे पेट वाले व्यक्ति थे, जो उनके बचपन में क्रिकेट खेलते समय आते थे। वे दिखने में खतरनाक थे, लेकिन बहुत दयालु थे। दूसरे का बड़ा दिल था और वे हमेशा मकरंद और उनके दोस्तों की रक्षा करते थे। तीसरी एक सुंदर महिला थीं, जिनके घर में किताबों के पीछे बोतलें छिपी होती थीं। यह एकल नाटक वास्तविक जीवन के किरदारों से इंस्पायर है। मुमकिन है अब आप शराबी और पियक्कड़ के बीच के फर्क को समझ गए होंगे!