राहुल द्रविड़ के कार्यकाल खत्म होते ही गौतम गंभीर को भारतीय टीम में हेड कोच के रूप में शामिल किया गया। लेकिन, उनके ऊपर `खोदा पहाड़ और निकली चुहिया’ वाली कहावत बिल्कुल फिट बैठती है। गुरु गौतम के कार्यकाल में टीम इंडिया की प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। ऐसे में `खोदा पहाड़, निकला `गौतम’ कहना गलत नहीं होगा। दरअसल, टी२०आई के कुछ मुकाबलों को छोड़ दें, तो उनकी कोचिंग में भारत ने वनडे और टेस्ट में शर्मनाक रिकॉर्ड बना दिया। दरअसल, रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के हाथ १८४ रनों से हार गई। इस मैच को टीम इंडिया जीत या ड्रॉ कर सकती थी। कंगारुओं से मिली इस बेइज्जती वाली हार के बाद लोगों ने गौतम गंभीर पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम का ग्राफ इस साल तेजी से नीचे गिर गया है। खासकर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए ऐसा शर्मनाक रिकॉर्ड दर्ज होगा, जो कई सालों तक याद रखा जाएगा। टीम इंडिया साल २०२४ में गंभीर के आने के बाद पांच टेस्ट मैच हारी है। गौतम गंभीर के हेड कोच बनने से पहले रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने १६ मुकाबले अपने नाम किए थे और केवल एक में हार मिली थी। लेकिन, राहुल द्रविड़ के जाने के बाद गंभीर युग आया और टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद ही निराशाजनक बन गया। इसके बाद अब गंभीर की कोचिंग पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। जो उन्हें टीम में लाने के लिए जोर दे रहे थे, वही लोग अब बाहर का रास्ता भी दिखाना चाह रहे हैं।