सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना से बेईमानी करनेवाले गद्दार गुट को जनता ने सालभर जूते मारे हैं। जनता फिर से यही कृति करने के लिए चुनाव का इंतजार कर रही है। आगामी आम चुनाव में इनका पानीपत होगा, ऐसे शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, सांसद संजय राऊत ने हल्लाबोल किया है। नासिक में सांसद संजय राऊत ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गद्दार गुट दूसरे को जूता मारने से पहले खुद को मारकर ले, आज उनको लग रहा है कि जनता उन्हें नींद में भी जूते मारेगी। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन से हमारी असली शिवसेना पर कोई परिणाम नहीं होगा, ऐसा उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा। उन्होंने कहा कि हमने किसी से सुरक्षा नहीं मांगी और उसकी जरूरत भी नहीं है। हम अकेले ही लड़ेंगे, ऐसा उन्होंने विरोधियों को खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना को लेकर कहा कि इस घटना में साफतौर पर रेल प्रशासन की लापरवाही है। ऐसे में नैतिकता के तहत रेलमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
शनिवार को संजय राऊत नासिक में दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने ज्योतिर्लिंग त्र्यंबकेश्वर मंदिर में जाकर त्र्यंबकेश्वर नाथ का मनोभाव से दर्शन कर आरती की। ‘हर हर महादेव’ के नारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। इस दौरान मंदिर प्रशासकों ने उनका स्वागत किया। यहां शुरुआत में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित किया और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा का अभिवादन किया।
इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मंदिर का प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व है। पिछले कुछ दिनों से यहां बाहर से आए हुए लोगों ने शांतिप्रियता को भंग करने का प्रयास किया और धार्मिक तनाव निर्माण करने का प्रयत्न किया।
लेकिन जनता ने संयम दिखाकर उनकी चाल को नाकाम साबित कर दिया। विवाद निर्माण करने की साजिश को सबक सिखाया है। यह देश में आदर्श स्थान है। मंदिर राजनीति करने की जगह नहीं है। कोई यहां पर जाति, धर्म, प्रथा और परंपरा से परे जाकर महाराष्ट्र का वातावरण खराब न करे, शिवसेना की भूमिका शांति बनाए रखने की है। उसके बाद उन्होंने पंढरपुर के लिए निकले आषाढ़ी वारी के त्र्यंबकेश्वर में संत श्रेष्ठ निवृत्तिनाथ महाराज की पालकी यात्रा में जाकर माथा टेका। यात्रा के दूसरे दिन संजय राऊत वहां पहुंचे और मनोभाव से दर्शन किया। संत श्रेष्ठ निवृत्तिनाथ के चरणों में नतमस्तक हो गए।