मुख्यपृष्ठनए समाचारमीरा-भायंदर व ओवला-माजीवडा विधानसभा सीट पर शिंदे गुट और भाजपा में तकरार!

मीरा-भायंदर व ओवला-माजीवडा विधानसभा सीट पर शिंदे गुट और भाजपा में तकरार!

चंद्रकांत दुबे / मीरा रोड
मीरा-भायंदर और ओवला-माजीवडा विधानसभा में भाजपा का ही विधायक बनाने के देवेंद्र फडणवीस के सपने को साकार करने का बीड़ा भाजपाइयों ने उठाया है। इसी को लेकर जब से ओवला-माजीवडा विधानसभा प्रभारी मनोहर डुंबरे ने `युति-बुति गई खड्डे में’ का वक्तव्य किया है, तब से प्रताप सरनाईक और गीता जैन के खेमे में खलबली मच गई है। दोनों सीटों को लेकर शिंदे गुट और भाजपा में तकरार बढ़ गई है।
बता दें कि पिछले दिनों भाजपा के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष किशोर शर्मा की नियुक्ति पर सत्कार समारोह का आयोजन रखा गया था जिसमे मीरा-भायंदर भाजपा प्रभारी जयप्रकाश सिंह ठाकुर और मनोहर डुंबरे पहुंचे थे। इस दौरान डुंबरे ने कहा कि `युति-बुति दिमाग से निकाल दो, १४५-१४६ विधानसभा की दोनों सीटों पर भाजपा का विधायक होगा, ऐसा फडणवीस का स्वप्न है, जिसे पूरा करना है।’ डुंबरे के इसी बयान को लेकर अब दोनों तरफ तकरार बढ़ गई है तथा तीखे बयानों का आदान-प्रदान शुरू हो गया है।
मेहता इस बार दोगुने मत से जीतेंगे
प्रभारी डुंबरे के अनुसार इस बार फिर से मीरा-भायंदर विधानसभा का टिकट नरेंद्र मेहता को ही मिलेगा, उन्हें दोगुने मत से जिताना है। इसे लेकर शहर में चर्चा हो रही है कि अब वर्तमान विधायक जैन का क्या होगा? कहीं जैन शिंदे गुट के साथ जाकर फंस तो नहीं गई? ना ही उन्हें अब भाजपा टिकट देगी और ना ही शिंदे गुट उन्हें टिकट दिलवा पायेगा। वहीं १४५ विधानसभा के प्रभारी नियुक्त किये गए पूर्व जिलाध्यक्ष रवि व्यास के अरमानों पर भी पानी फिरता दिखाई दे रहा है, जो विधायक बनने का ख्वाब सजाए बैठे हैं। व्यास को जिलाध्यक्ष पद से हटाकर १४५ विधानसभा का प्रभारी नियुक्त किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष बावनकुले के बयान से तो यही प्रतीत हो रहा था कि जो भी विधानसभा के प्रभारी बनाए गए हैं, उन्हें ही आने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जायेगा लेकिन यहां ऐसा होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। इससे रवि व्यास और गीता जैन के समर्थकों में बेचैनी छा गई है। यहां एक बात तो तय है कि मेहता, रवि व्यास और गीता जैन में से किसी एक को ही भाजपा से टिकट मिलेगा। टिकट को लेकर फिर से भाजपा में तकरार होनी तय है। इस युद्ध का परिणाम भी भाजपा को ही भुगतना पड़ेगा। वहीं पुणे में दिये गए बावनकुले के वक्तव्य से महाराष्ट्र में शिंदे व अजीत पवार गुट के अन्य उम्मीदवारों में खलबली मच गई है और उनका भी सपना चकनाचूर होता दिखाई पड़ रहा है।
शिंदे गुट ने भी ठोका दावा
डुंबरे के बयान से जहां शिंदे गुट में बेकरारी बढ़ गई है, वहीं गीता जैन के लोग सदमे में हैं। बवाल बढ़ता देख ओवला-माजीवडा के विधायक प्रताप सरनाईक ने भी दोनों सीटों पर शिंदे गुट का विधायक होने का दावा कर दिया है। सरनाईक के अनुसार, दोनों विधानसभा सीटें वर्तमान में शिंदे गुट के पास हैं। निर्दलीय विधायक जैन ने शिंदे गुट को अपना समर्थन दिया है, इसलिए दोनों सीटों पर शिंदे गुट का कब्जा है जो भाजपा को कतई नहीं दी जाएगी। इस द्वंद्व युद्ध को लेकर जहां दोनों तरफ के कार्यकर्ता ऊहापोह में पड़ गए हैं, वहीं यह लड़ाई खत्म होती नहीं दिख रही है।

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