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विसर्जन में व्यवधान … चुनाव से पहले तनाव! … कौन बिछा रहा है ध्रुवीकरण की बिसात?

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए तनाव फैलाने की साजिश शुरू हो गई है। त्योहारों का सीजन चल रहा है और इसका फायदा उठाने की फिराक में कुछ राजनीतिक दल जुट गए हैं। गणेश मूर्ति विसर्जन के दौरान राज्य के कई हिस्सों से व्यवधान पैदा करने की कोशिश असामाजिक तत्वों द्वारा की गई है। जानकारों का मानना है कि बिना राजनीतिक शह के ऐसी घटनाएं संभव नहीं हैं। अगर गृह मंत्रालय ने कड़क पुलिस बंदोबस्त किया होता तो ऐसी घटनाएं सुनने को नहीं मिलतीं। अब राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं कि इस ध्रुवीकरण की बिसात आखिर कौन बिछा रहा है? माहौल खराब होने से किस दल को फायदा होगा आदि।
बता दें कि विसर्जन के दौरान मुंबई के करीब भिवंडी में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। वहां विसर्जन के दौरान जुलूस पर पत्थरबाजी की गई। इसके अलावा पुणे और कोल्हापुर में भी हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। मुंबई के पास स्थित भिवंडी में पत्थरबाजी की घटना के अलावा पुणे और कोल्हापुर में भी हिंसक घटनाएं हुई हैं। राज्य में पहले से ही कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। अपराधियों का बोलबाला है। हत्या व बलात्कार का बोलबाला है और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुलिस ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में राज्य की जनता खुद को असुरक्षित समझ रही है। इस बीच अब राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैलाने का षड्यंत्र किया जा रहा है ताकि लोगों को डराकर वोटों का ध्रुवीकरण किया जा सके।

राज्य में पहले से ही कानून व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है। अपराधियों का बोलबाला है। हत्या व बलात्कार का बोलबाला है और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुलिस ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगा पाने में नाकाम साबित हो रही है। ऐसे में राज्य की जनता खुद को असुरक्षित समझ रही है।

 

पत्थरबाजी, गोलीबारी, हत्या!
-राज्य का माहौल खराब करने का षड्यंत्र शुरू

खबर लगते ही शहरभर के तकरीबन ८ हजार गणेश भक्त घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए। दंगे की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल आ पहुंचा व उत्तेजित गणेश भक्तों को शांत कराया।

गणपति विसर्जन के साथ ही गणेशोत्सव धूमधाम से संपन्न हो गया। लेकिन इस दौरान राज्य के कई हिस्सों से तनाव की खबरें आई हैं। आगामी चुनाव को देखते हुए राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। भिवंडी, कोल्हापुर और पुणे में हिंसक घटनाएं देखने को मिली हैं। इन घटनाओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल पैदा कर दिया है। भिवंडी में गणपति मूर्ति विसर्जन के दौरान पत्थराव किया गया, कोल्हापुर में गणपति विसर्जन जुलूस के दौरान एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई तो पुणे में गोलीबारी की घटना हुई है।
बता दें कि भिवंडी में गणेशोत्सव के अंतिम दिन विसर्जन के दौरान उस वक्त तनाव फैल गया, जब विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी की गई। इस दौरान कई भक्त भी घायल हो गए। आक्रोशित गणेश भक्तों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारेबाजी की। इसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों ने आधा दर्जन वाहनों की तोड़-फोड़ की। शहर में बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इस दौरान दो पुलिसकर्मी सहित आधा दर्जन भक्त घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, स्थानीय घुंघटनगर इलाके के श्री हनुमान मित्र मंडल की गणपति रात १२ बजे जैसे ही बंजार पट्टी नाके पर पहुंची, उसी दरम्यान पत्थरबाजी शुरू हो गई। इस दौरान न सिर्फ मूर्ति को नुकसान पहुंचा, बल्कि कई भक्तों के सिर पर भी चोट लग गई। इसके बाद वहां देखते ही देखते दंगे जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। इस घटना की खबर लगते ही शहरभर के तकरीबन ८ हजार गणेश भक्त घटनास्थल पर इकट्ठा हो गए। दंगे की स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल आ पहुंचा व उत्तेजित गणेश भक्तों को शांत कराया। निजामपुर पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई संतोष आव्हाड ने बताया कि इस मामले में दो केस दर्ज किया गया और तीसरा केस दर्ज करने की तैयारी शुरू है। सह पुलिस आयुक्त ज्ञानेश्वर चव्हाण ने कहा है कि विसर्जन जुलूस पर पत्थरबाजी कर शहर का माहौल खराब करने वाले आरोपियों को कतई बख्शा नहीं जाएगा।

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