बॉलीवुड में ‘ड्रीमगर्ल’ के नाम से मशहूर ७४ वर्षीय हेमा मालिनी के लिए उम्र महज एक नंबर है। नदियों को प्रदूषण और गंदगी से मुक्त करने के लिए वो एनसीपीए में एक बैले पेश करने जा रही हैं। नृत्य नाटिका ‘गंगा’ में हेमा मालिनी लोगों से नदियों को साफ-सुथरा रखने की अपील करती हैं। पेश है, हेमा मालिनी से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
• डांस के प्रति जुनून कब पैदा हुआ?
मैं ७ साल की उम्र से ही डांस सीख रही हूं। उस उम्र में डांस मुझे अम्मा जया चक्रवर्ती द्वारा दिया गया पनिशमेंट लगता था। वक्त के साथ मैं इसमें पारंगत होती गई। अब डांस मेरी जिंदगी का अटूट हिस्सा है। खैर, हम सभी जानते हैं कि गंगा नदी देशवासियों के लिए मां के रूप में पूजनीय है। गंगा ने हमें सब कुछ दिया लेकिन हमने गंगा की पवित्रता और शुद्धता को कायम रखने के लिए कुछ नहीं किया। आज देश भर की तकरीबन सभी नदियां प्रदूषित हैं। दिल्ली में यमुना, नाला बन गई है। नदियों में बहनेवाली गंदगी को साफ करना और प्रदूषण को रोकना हम सभी का फर्ज है, परंतु हर अच्छे काम के लिए अभियान जरूरी है। गंगा के साथ सभी नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए आयोजित इस अभियान ‘गंगा’ बैले में मैं गंगा नदी बनी हूं।
• आपके लिए यह इमोशनल जर्नी कैसी रही?
मैंने देश और दुनिया में कई देवी-देवताओं पर आधारित रचनात्मक नृत्य-नाटिकाएं प्रस्तुत की हैं, जिसमें द्रौपदी, सीता, मीरा, दुर्गा जैसे कई बैले बहुत पसंद किए गए। बैले डांस के जरिए अवेयरनेस निर्माण हो इसके लिए मैंने गंगा के प्रकट होने, प्रदूषण और गंगा के स्वर्गलोक वापस जाने की इच्छा तक को इस डांस में दर्शाया है।
• आप इतनी ऊर्जा कहां से लाती हैं?
उम्र तो बस एक नंबर है, न कि मेरे लिए, बल्कि हम सभी के लिए। अगर आप में सकारात्मक जज्बा और जिंदगी जीने की ललक है तो आप हर उम्र में काम कर सकते हैं। जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया हमेशा पॉजिटिव रहा है। मेरी डिक्शनरी में ‘नो’ शब्द के लिए कोई जगह नहीं है।
• क्या अभिनय को आप ‘मिस’ करती हैं?
एक अभिनेत्री के रूप में मेरी पहचान पुख्ता है, वो कैसे मिट सकती है? अपने कार्यों में बिजी होने के कारण फिल्म के प्रपोजल पर मेरा ध्यान नहीं रहा। मैं तो इंतजार कर रही हूं कि कोई मेकर मुझे सशक्त किरदार ऑफर करे, जिसे निभाने में मुझे गर्व महसूस हो।
सुना है आप वेब शो कर रही हैं?
हां, लेकिन अभी मैं इसके डिटेल्स नहीं बता सकती। ये सशक्त महिला किरदार है और कहानी स्त्री प्रधान है। इसका प्रमोशन आनेवाले कुछ दिनों में शुरू होगा।
• धर्मेंद्र जी की सक्रियता पर आप कैसा महसूस करती हैं?
मुझे बेहद खुशी है कि इन दिनों धरम जी अच्छी फिल्मों में व्यस्त हैं और वे सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं।
• व्यक्तिगत जीवन से आप कितनी संतुष्ट हैं?
अपनी जिंदगी से मैं बेहद संतुष्ट हूं। मैंने अपने जीवन के हर रोल को पूरी शिद्दत से निभाया है। माता-पिता और भाइयों की मैं लाडली थी। हिंदी और साऊथ की फिल्मों में मैंने बेहतर किरदार निभाए हैं। अपनी बेटियों की सुखी जिंदगी देखकर मैं प्रसन्न होती हूं। राज्यसभा में मैने अपनी जिम्मेदारी मानकर काम किया।
• फिल्म इंडस्ट्री में आप किन बदलावों को देख रही हैं?
हर शादीशुदा अभिनेत्री मां बनने के बाद भी फिल्मों में सक्रिय है। उनके घरवाले अभिनय करने की आजादी दे रहे हैं और इसका श्रेय भी मुझे जाता है।
• विश्व दिव्यांग दिवस पर आप क्या कहना चाहेंगी?
वैसे तो दिव्यांगों के बारे में बात करना बहुत आसान है लेकिन जब कोई व्यक्ति जन्म अथवा किसी हादसे में घायल होकर दिव्यांग बनता है तो उसके दिल पर क्या बीतती है यह कहना और समझना बहुत मुश्किल है।