दिल्ली से
योगेश कुमार सोनी
नीट छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने उनके आवास १० जनपथ पहुंचा। नीट और यूजीसी नेट एग्जाम विवाद पर राहुल गांधी ने बीते बृहस्पतिवार को एक प्रेस
कॉन्प्रâेंस आयोजित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था और कहा था कि नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक नहीं रोक पा रहे या रोकना नहीं चाह रहे हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह एक राष्ट्रीय, आर्थिक, शैक्षिक और संस्थागत संकट है। पेपर लीक करनेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। शिक्षा व्यवस्था पर एक संगठन ने कब्जा कर लिया है। दरअसल, मामला है कि हमारी सरकार आज कितना भी अपने आपको अपडेट व अपग्रेड बता दे, लेकिन सच्चाई यह भी है कि शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में भी डाका डालनेवालों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। आश्चर्य व पी़ड़ा तो इस बात की होती है कि यह सब खुलेआम चल रहा है और इस पर सरकार कुछ भी करने में विफल नजर आ रही है। जब इस मामले में सरकार से कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही तो एक दल राहुल गांधी से मिलकर इसका समाधान चाहता है। वहां आए एक अभ्यार्थी ने कहा कि राहुल गांधी हमारा पूरा सपोर्ट करेंगे। राहुल गांधी ने हमें अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को कोई टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। वो हमारे साथ हैं। हम अगर ठान लेंगे कि सब सही होगा, तो सब सही होगा। सुप्रीम कोर्ट को भी हमारे आगे झुकना पड़ेगा और एनटीए को भी हमारे हित में सोचना पड़ेगा और हमारा ध्यान काउंसलिंग पर रोक लगाने पर होना चाहिए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोदी ने एक ऑर्डर देकर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध रोक दिया था, इजराइल गाजा के युद्ध को भी रोक दिया था लेकिन किसी न किसी कारण भारत में जो पेपर लीक हो रहे हैं, उन्हें नरेंद्र मोदी रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं। इतनी बड़ी परीक्षा को लीक जिन्होंने किया है, उनके हालात देखकर नहीं लगता कि वो इतनी बड़ी परीक्षा को लीक कर सकते हैं, निश्चित तौर पर इसमें किसी बड़े नेता या अन्य किसी बड़े आदमी का हाथ है। इस मामले में सभी राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं, लेकिन अभी प्रशासन के पास प्रमाणिकता के नाम पर कुछ नहीं है। बहरहाल, इतनी बड़ी परीक्षा के लिए विधार्थी कितनी मेहनत करता है। एक बड़ी संख्या में इसके लिए आवेदन देकर परीक्षा दी जाती है और मात्र कुछ बच्चों को ही मौका मिलता है। मेहनत तो हर बार काम आती है लेकिन कभी-कभी। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि उत्तीर्ण होनेवाले विद्यार्थियों की पूरी तपस्या फेल हो गई। हम सरकार से बहुत ज्यादा न कुछ मांगते और न ही उम्मीद करते हैं, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र पर डाका डालनेवालों पर शिकंजा जरुर कसा जाए, जिससे कि हमारे देश के भविष्य को संवारने वाले योद्धाओं को विचलित न होना पड़े। चूंकि यह लोग हमारे देश का भविष्य हैं और इन बूते पर ही आनेवाले समय में देश संचालित होगा।