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यात्रियों के लिए कुत्ते व चोर बने मुसीबत …लोगों का गुजरना हुआ मुश्किल

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के कुत्ते व चोर रेल यात्रियों के साथ ही रेलवे प्रशासन के गले की हड्डी बन गए हैं। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन पर रखी कचरे की बाल्टी, लोहे के सामान, पानी की पाइप में लगे प्लास्टिक के नलों की चोरी आए दिन हो रही है। इसके अलावा परिसर में कुत्तों का भारी आतंक है। रेलवे प्रशासन इस बात से परेशान है कि पुलिस, आरपीएफ, उल्हासनगर मनपा से शिकायत करने के बाद भी कुत्ते और चोर स्टेशन परिसर से तड़ीपार नहीं हो पा रहे हैं।
बता दें कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के समीप गांधीनगर में बड़ी संख्या में नशाखोर रहते हैं, जिसमें से काफी लोग चोरी, मारपीट, छिनैती जैसे आपराधिक मामले में लिप्त हैं। संभावना जताई जा रही है कि नशाखोर चोर स्टेशन के लोहे सहित प्लास्टिक के सामान गायब कर देते हैं। स्टेशन परिसर में पानी के नलों सहित पानी की पाइप लाइन को काटकर गायब कर देते हैं। इतना ही नहीं, स्टेशन पर रखे गए स्ट्रेचर तक को चुरा ले जाने की जानकारी मिली है। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक व दो पर कुत्तों का एक बड़ा झुंड देखा जा सकता है। कुत्तों के चलते रेल प्रवासियों का गुजरना मुश्किल सा हो गया है।
उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के प्रबंधक ने बताया कि उल्हासनगर रेलवे स्टेशन पर उल्हासनगर के काफी रेलयात्री कुत्तों को बिस्किट के अलावा अन्य तरह की खाद्य सामग्री खिलाते हैं, जिसकी वजह से कुत्तों और बिल्लियों की भरमार-सी हो गई है। इसी तरह से यहां चोरों का भी आतंक है। चेन से बंधी कचरे की बाल्टी तक चोर चुरा ले जाते हैं। परिसर की चाहे जितनी भी सफाई करवाओ, गंदगी है कि दूर ही नहीं होती है। सुरक्षा प्रशासन, रेलवे प्रवासी, रेलवे प्रशासन सभी परेशान रहते हैं। उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के अंदर आने के लिए कई रास्ते होने की वजह से कहां ध्यान दें, ऐसा सवाल खड़ा हो जाता है। लोग यहां घूम रहे कुत्ते, बिल्ली और चोरों से परेशान हैं। रेल सुरक्षा बल, लोह मार्ग पुलिस व मनपा के स्वास्थ्य विभाग को इस बात की शिकायत समय-समय पर दी जाती है। इसके बावजूद समस्या जस की तस बरकरार है।

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