मुख्यपृष्ठखेलटैटू के मोह में मत पड़ना मरवा डालेगा!

टैटू के मोह में मत पड़ना मरवा डालेगा!

शेखर ‘शांत’
एक रोमांचक मुकाबला और भारतीय टीम टी-२० की विश्वविजेता बन गई। महज ७ रन से हासिल इस जीत ने भारतीय टीम के कई खिलाड़ियों को ‘लीजेंड’ बना दिया। मसलन विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, रोहित शर्मा, हार्दिक पंड्या और कई खिलाड़ी युवा भारतीयों की प्रेरणा बन गए। इन खिलाड़ियों के आचरण अब युवा भारतीयों के लिए आदर्श साबित होंगे। लेकिन भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का यही आचरण एक बड़े हेल्थ रिस्क का कारण बन सकता है। विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव और हार्दिक पंड्या को देखा है आपने! अरे भाई उनके खेल की बात नहीं कर रहे हैं! जरा उनके शरीर को देखिए। पूरा शरीर टैटू की म्यूजियम-सा लगता है और यहीं खतरा छुपा है। ई-क्लिनिकल मैगजीन जो एक स्वीडिश मेडिकल जर्नल है, ने दावा किया है कि टैटू की वजह से लिंफोमा का खतरा बढ़ जाता है, जो एक प्रकार का कैंसर है। रिसर्चर्स ने एक प्रश्नावली तैयार की और लाइफस्टाइल के बारे में प्रश्न पूछे। ये पाया गया कि १,३९८ लोगों में लिंफोमा २० वर्ष से ६० वर्ष की उम्र में ही आ गया था। इन १,३९८ लोगों में से २१ प्रतिशत लोगों के शरीर पर टैटू थे, जबकि १८ प्रतिशत लोगों के शरीर पर किसी किस्म का कोई टैटू नहीं था। शरीर पर टैटू होने से लिंफोमा होने की संभावना बढ़ गई थी। मजे की बात यह है कि रिसर्चर्स के मुताबिक, टैटू का साइज चाहे छोटा हो या बड़ा; लिंफोमा का खतरा उतना ही रहता है। रिसर्चर्स का मानना है कि टैटू शरीर में इंफ्लेमेशन के छोटे स्तर की बढ़ोतरी करता है, जो वैंâसर को ट्रिगर कर सकता है। रिसर्चर्स का मानना है कि टैटू बनाने के दौरान जब टैटू इंक को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है तो शरीर इसे बाहरी तत्व समझकर इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर देता है और इंक के बड़े भाग को लिंफ नोड्स में ले जाकर डिपोजिट कर देता है, जो कालांतर में कैंसर के होने की एक वजह बन सकता है। तो मित्रों! अपने हीरोज् का गुणगान करें और तालियां भी बजाएं, लेकिन उन्हें अंधभक्त बनकर हर जगह फॉलो न करें, क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि उनका टैटू प्रेम आपके गले की फांस बन जाए।

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