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स्ट्रीट फर्नीचर घोटाला रोको नहीं, रद्द करो. युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे की मांग, मनपा आयुक्त को पूछे ५ सवाल

सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा सौंदर्यीकरण योजना के तहत सड़कों पर जगह-जगह स्ट्रीट फर्नीचर लगाने की योजना शुरू की गई थी। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेना प्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने स्ट्रीट फर्नीचर में घोटाले को लेकर मनपा पर कई बड़े आरोप लगाए थे, जिसके बाद मनपा ने इस परियोजना को रोक तो दिया है, लेकिन उनके सवालों के जवाब अभी तक पूरी तरह नहीं दे पाई है। एक बार फिर आदित्य ठाकरे ने मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर सवाल पूछे हैं और उन सवालों के जवाब देने की मांग की है। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या इस भ्रष्ट योजना पर रोक लगाई गई है? इसे अब तक रद्द क्यो नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि असंवैधानिक शिंदे सरकार के इशारे पर हो रहे भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद उस पर लीपापोती शुरू है। स्ट्रीट फर्नीचर परियोजना में घोटाला हुआ है, यह सामने आ चुका है। इस परियोजना को रद्द किया जाना चाहिए।
शनिवार को आदित्य ठाकरे ने पुन: पत्र लिखकर मनपा आयुक्त एवं प्रशासक इकबाल सिंह चहल से जवाब मांगा है। उन्होंने सवाल उठाया है कि इस परियोजना को रोका गया है। आखिर इसे रद्द क्यों नहीं किया गया? जबै यह साबित हो चुका है कि इस परियोजना में भ्रष्टाचार हुआ है, तब इसे रद्द करने के मामले में विलंब क्यों? आदित्य ठाकरे ने मनपा प्रशासक को चेताते हुए कहा कि मेरे द्वारा पूछे गए इन सवालों का जवाब दें, अन्यथा इस मामले में विशेषाधिकार हनन का मामला दायर करना होगा।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से स्ट्रीट फर्नीचर में हुए घोटाले को लेकर आदित्य ठाकरे ने मनपा पर लगातार हमला जारी रखा है। यह घोटाला जनता के सामने लाकर आदित्य ठाकरे ने गद्दार शिंदे सरकार को घेरा है, इससे शिंदे सरकार की जमकर किरकिरी हुई है।
नए पत्र में उठाए ये सवाल
१. स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले की जांच का तरीका क्या है? साथ ही क्या मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस मामले की आंतरिक जांच कराई जाएगी या किसी बाहरी संस्था से जांच कराई जाएगी या कानूनी जांच होगी?
२. डीएमसी, जिनके माध्यम से यह टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। जो अब भी हमें उत्तर दे रहे हैं। क्या उनकी कोई विभागीय जांच होने वाली है?
३. जिन्होंने दरों में गड़बड़ की है। (जैसा कि मनपा ने अपने दिए गए उत्तर में बताया है, आर्किटेक्ट और डिजाइनर), क्या वे इस जांच का हिस्सा होंगे?
४. क्या सहायक आयुक्त समिति के सदस्य के रूप में जांच का हिस्सा होंगे?
५. जैसा कि पिछले पत्र में उत्तर मिला था, सभी दरें ‘प्रतिस्पर्धी ऑथॉरिटी’ द्वारा निर्धारित की गई थीं, उसमें आप भी हैं क्या? यदि आपने इस फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं, तो क्या आपको भी इस पूछताछ का सामना करना पड़ेगा?

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