मुख्यपृष्ठस्तंभपरीक्षा का टेंशन मत लो यार, विकल्पों की है भरमार!

परीक्षा का टेंशन मत लो यार, विकल्पों की है भरमार!

योगेश कुमार सोनी
बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, जिसमें देशभर के करोड़ों बच्चे शामिल हो रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि बीते दो दशकों में कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है लेकिन आजकल के बच्चों ने इस बात को इतनी गंभीरता से ले लिया कि परीक्षा आते ही वे बहुत तनाव ग्रस्त हो जाते हैं। अधिकतर बच्चों की स्थिति यह है कि वह पूरे वर्ष बेहतर पढ़ाई करते हैं लेकिन परीक्षा के दिनों में इतने नर्वस हो जाते हैं कि पूरे साल की मेहनत व्यर्थ  कर देते हैं। आज हम लेख के माध्यम से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को यह समझाना चाहते हैं कि मैदान में लड़ाई करने से पहले ही हथियार डालने से युध्द हारना तय है। इसी प्रकार यदि आप पहले ही यह मान लोगे कि हमारे नंबर किसी से कम आएंगे तो आप उतनी ऊर्जा व सूझ-बूझ के साथ परीक्षा नहीं दे पाएंगे। इसके अलावा एक जानकारी दे दी जाए कि परीक्षा में नंबर कम आने पर भी बहुत स्कोप हैं। आज दुनिया में हर रोज कई तरह के अवसर निकलते हैं, जिससे पैसा कमाया जा सकता है। एक उदाहरण के तौर पर हर वर्ष हजारों बच्चे यूपीएस की परीक्षा देते हैं लेकिन बहुत कम ही उर्तीण कर पाते हैं। जो बच्चे उर्तीण नहीं कर पाते तो क्या आपको यह लगता है, वह कुछ नहीं कर पाते, यह सोचना व समझना सरासर गलत है। ये बच्चे उससे भी बेहतर विकल्प तलाशते हुए सरकारी व प्राइवेट क्षेत्रों में अच्छा पैसा कमाते हैं। हमारा कहने का अर्थ यह नहीं है कि आप मेहनत कम करें। चूंकि बड़ी परीक्षा देने से आपके अंदर ज्ञान का इतना समावेश हो जाता है कि आप एक अच्छे व सभ्य नागरिक बन जाते हैं। दुनिया में एक ही चीज है, जिसको कोई चुरा नहीं सकता और वह है शिक्षा। जो काम लड़-झगड़कर नहीं हो सकता वो शिक्षा के आधार पर जानकारी से हो जाता है। इसलिए तनाव लेकर कोई भी कार्य न करें। परीक्षा के दिनों में जितना हो सके उतना खुश रहें, चूंकि अच्छे व खुश मन से सारे काम बनते हैं। इन दिनों बच्चे मोबाइल व टीवी से जितना हो सके दूरी बनाएं। इसके अलावा हम उन विद्यार्थियों के लिए भी संदेश देना चाहते हैं कि जो पूरे वर्ष नहीं पढ़ते लेकिन परीक्षा से कुछ दिन पहले सारी तैयारी करने का प्रयास करते हैं, जिससे निश्चित तौर पर असफलता हाथ लगती है। इसलिए सामान्य तौर पर पूरे वर्ष पढ़ते रहिए और परीक्षा के दिनों में बस रिवीजन करिए। परीक्षा के बाद कुछ बच्चे आत्महत्या करने तक का प्रयास करते हैं लेकिन यह संदेश है कि ऐसा कभी न करें, चूंकि सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि आपका जीवन आपके माता-पिता व परिवार के लिए बहुत अहम है। सफल या कम सफल होना आपके जीवन को बर्बाद करने का पैमाना नहीं हो सकता। अपनी ओर से मेहनत कीजिए निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी लेकिन मन मुताबिक रिजल्ट न आने से आप निराश मत होइए, चूंकि आज के दौर में नौकरी व व्यापार के विकल्पों की भरमार है।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)

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