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दवा के नाम पर सरकारी अस्पतालों में जहर का डोज! … ठाणे, भिवंडी और सूरत की कंपनियां कर रही हैं नकली दवाओं की सप्लाई

– मुंबई की लैब में जांच के बाद हुआ खुलासा
सामना संवाददाता / मुंबई
बीमार गरीब आदमी इलाज के लिए सरकारी अस्पताल जाता है। मगर जब वहां इलाज के नाम पर मरीज को जहर का डोज मिलने लगे तो उसकी जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी। इन दिनों राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नकली दवाएं दी जा रही हैं।
हाल ही में मुंबई की लैब में कुछ सरकारी अस्पतालों की दवाओं का टेस्ट हुआ, तो इस बात का खुलासा हुआ। पता चला है कि सरकारी अस्पतालों में ठाणे, भिवंडी और सूरत की दवा कंपनियां दवाओं की सप्लाई कर रही हैं। ऐसे में इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।

दवा के नाम पर जहर बेचनेवाली
चार कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज!

सरकारी अस्पतालों में नकली दवाइयों का घिनौना खेल धड़ल्ले से चल रहा है। नकली दवाइयां मरीजों को ठीक करने के बजाए उन्हें मौत के मुंह में धकेल रही हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ये जानलेवा दवाइयां कहीं और नहीं बल्कि सरकारी अस्पतालों में दी जा रही हैं। नकली दवाइयों के फर्जीवाड़े का रैकेट ठाणे, भिवंडी, महाराष्ट्र सहित सूरत तक पैâला हुआ है। मौत के सौदागरों की पोल तब खुली, जब मुंबई के लैब में दवाइयों का सैंपल टेस्ट किया गया। दवा के नाम पर जहर देनेवाली चार कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
बता दें कि सरकारी अस्पतालों के मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करनेवाले इस गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ, जब कई सरकारी अस्पतालों में मरीज ठीक होने की बजाय और बीमार हो गए। ओक्सीजिम ५०० नाम की दवा मरीजों को दी जा रही थी, यह दवा खासकर फेफड़े, गले, यूरिनरी ट्रेक्ट, हड्डियों और जोड़ों के इंफेक्शन के लिए दी जाती है। जब मारीज ज्यादा बीमार होने लगे तो शिकायत के आधार पर फूड एंड ड्रग्स विभाग ने दवाइयों का सैंपल टेस्ट करने के लिए मुंबई की लैब में भेजा। रिपोर्ट के बाद ये दवाइयां पूरी तरह से नकली मिलीं। संक्रमण की बीमारी के लिए दी जानेवाली ओक्सीजिम ५०० में एंटिबायोटिक के प्रमाण हैं ही नहीं। फूड एंड ड्रग्स विभाग ने जब नकली दवाइयों के काले कारोबार की छानबीन की तो पता चला कि ठाणे, कोल्हापुर, सूरत और भिवंडी की कंपनियों ने ये नकली दवाइयां सप्लाई की हैं। जानलेवा दवाइयों की पोल सबसे पहले महाराष्ट्र के अंबेजोगाई स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ सरकारी अस्पताल से खुली। अंबेजोगाई सिटी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तमराव गालवे ने बताया कि उक्त चारों कंपनियों संचालकों के खिलाफ धारा ३१८, ३३६, ३४० और २७८ के तहत एफआईआर क्रं. (५२२/२४) दर्ज की गई है। यहां के नकली दवाइयों के काले कारोबार का सच सामने आने के बाद वर्धा और भिवंडी में भी नकली दवाइयों का भड़ाफोड़ हुआ है।

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