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मर्डर का डबल क्रॉस! … हत्यारे ने सुपारी देनेवाले और टारगेट दोनों को मार डाला

-प्रॉपर्टी की डीलिंग में नई मुंबई में सनसनीखेज हत्या
-हत्या के आरोप में पुलिस ने पांच बदमाशों को दबोचा
सामना संवाददाता / नई मुंबई
अभी तक आपने जासूसी की दुनिया में ऐसे एजेंटट के बारे में सुना होगा जो ‘डबल क्रॉस’ करते हैं। ऐसे एजेंट दोनों तरफ की सूचना एक दूसरे को देते हैं। इसी तर्ज पर नई मुंबई में मर्डर के ‘डबल क्रॉस’ का मामला सामने आया है। इसमें प्रॉपर्टी विवाद में एक हत्या की सुपारी दी गई थी। हैरानी की बात है कि हत्यारे ने सुपारी लेने के बाद टारगेट को तो मारा ही, इसके बाद सुपारी देनेवाले को भी मार डाला। इस तरह दोनों मारे गए। अब पुलिस ने इस मामले में शामिल पांच बदमाशों को दबोचा है।

कमीशन हड़पने के लिए
खत्म कर दी जान!
फर्जी दस्तावेज बनाकर बेची गई थी जमीन

नेरुल से लापता हुए दो रियल इस्टेट एजेंट्स की हत्या के पीछे पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दोनों एजेंटों में से एक खुद हत्या का मुख्य आरोपी है, जिसने फर्जी तरीके से किए साढ़े तीन करोड़ के जमीन सौदे का कमीशन हड़पने के लिए दूसरे साथी की हत्या की सुपारी दी थी। यह सुपारी ५० लाख में दी गई थी। इस हत्या के बाद हुए विवाद में सुपारी देनेवाले की भी मौत हो गई। अब नई मुंबई पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए पांच बदामाशों को दबोचा है।
एसीपी अजय कुमार लांडगे ने बताया कि नेरुल के निवासी सुमित जैन (३९) और आमिर खानजादा (४२) गत २१ अगस्त की रात को लापता हो गए थे। २२ अगस्त को नेरुल पुलिस ने दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। २३ अगस्त को पेन तालुका की झाड़ियों में गोलियों के निशान के साथ खालापुर में लावारिस कार और जैन का शव मिला। इसके बाद जैन के घर के पास एक लावारिस बाइक मिली थी। फिर पता चला कि जैन के साथ मौजूद दो लोगों ने अपनी बाइक वहीं छोड़ दी थी, जिन्हें खानजादा ने मीटिंग के लिए बुलाया था। सीसीटीवी फुटेज की जांच करते समय एक एर्टिगा कार मिली, जो बाइक चोरी में शामिल थी और कांजुरमार्ग के एक अन्य रियल एस्टेट एजेंट की थी। इस आधार पर पुलिस ने २६ अगस्त को पहली गिरफ्तारी की, जिसके बाद उन्होंने नेरुल, कांजुरमार्ग, बदलापुर और उल्हासनगर से अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद बदमाशों ने कबूल किया कि खानजादा का शव कहां फेंका था। पुलिस ने शव को कर्नला के वन क्षेत्र से बरामद किया। जांच में पुलिस ने पाया कि पाली, रायगढ़ में ३.५ एकड़ भूखंड के कारण हत्या की योजना बनाई गई थी। कोविड के दौरान मरने वाले एक व्यक्ति का प्लॉट बेचा गया था। जैन ने प्लॉट के जाली दस्तावेज बनाने में उसकी मदद की और प्लॉट के एक नकली मालिक की व्यवस्था की। इसमें खानजादा और जैन साथ में थे, लेकिन इस सौदे से मिली राशि खानजादा को नहीं दी गई थी। खानजादा सौदे में अपना हिस्सा मांग रहा था, जिसे जैन देने में आनाकानी कर रहा था और उससे छुटकारा पाना चाहता था। जैन ने खानजादा को खत्म करने की योजना के साथ बदमाश से संपर्क किया था। इसके बाद खानजादा की हत्या की सुपारी दी गई। हत्या से पहले १.५० लाख रुपए का शुरुआती भुगतान किया गया था।

दोनों एजेंटों में से एक खुद हत्या का मुख्य आरोपी है, जिसने फर्जी तरीके से किए साढ़े तीन करोड़ के जमीन सौदे का कमीशन हड़पने के लिए दूसरे साथी की हत्या की सुपारी दी थी। यह सुपारी ५० लाख में दी गई थी।

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