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डबल इंजन की सरकार में मणिपुर ‘न एक है, न सेफ है’…खड़गे ने पीएम मोदी को घेरा

– फिर हालात हुए बेकाबू

– ३ मंत्री, ६ विधायकों के घरों पर हमले…सीएम के दामाद का भी घर जलाया

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

`खड़गे ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आपने मणिपुर को नाकाम किया है। यहां तक कि अगर आप भविष्य में मणिपुर आते हैं, तो राज्य के लोग कभी भी आपको माफ नहीं करेंगे और न ही भूलेंगे कि आपने उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दिया और उनके दुखों को सुलझाने के लिए एक भी कदम नहीं उठाया।’

कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी ‘डबल इंजन सरकार’ में मणिपुर न तो एक है और न ही सेफ है। खड़गे का यह बयान मणिपुर में ताजा हिंसा के बाद आया। खड़गे ने ‘एक्स’ पर लिखा कि नरेंद्र मोदी जी, आपकी डबल इंजन सरकारों में ‘न मणिपुर एक है, न मणिपुर सेफ है’। मई २०२३ से यह राज्य असहनीय दर्द, विभाजन और बढ़ती हिंसा का सामना कर रहा है। यहां के लोगों के भविष्य को नष्ट कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में हालात फिर बेकाबू होने लगे हैं। जिरीबाम जिले की एक नदी से ६ लापता व्यक्तियों के शवों के मिलने के कुछ घंटे बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने कल तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया। इसके बाद राज्य सरकार ने पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया और कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने तीन विधायकों के घरों में तोड़-फोड़ की, जिनमें मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद का घर भी शामिल था। हिंसक भीड़ ने विधायकों के घरों में आग लगा दी। कांग्रेस प्रमुख ने भाजपा पर मणिपुर की अशांति पर कहा कि राज्य में हिंसा और क्षेत्रीय तनाव बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कह रहे हैं कि ऐसा लगता है कि भाजपा जानबूझकर मणिपुर को जलाना चाहती है। यह उनकी नफरत और विभाजन की राजनीति को साकार करता है। ७ नवंबर से अब तक १७ लोग अपनी जान गवां चुके हैं। नए जिलों को संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों की सूची में जोड़ा जा रहा है और हिंसा अब सीमा से सटे पूर्वोत्तर राज्यों में भी पैâल रही है। मणिपुर के इंफाल घाटी में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं। यहां ६ शवों की बरामदगी के बाद हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। इन शवों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, जिन्हें कथित रूप से उग्रवादियों ने अगवा किया और हत्या कर दी। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंध लगाए हैं। इंफाल में इस घटना को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों को निशाना बनाया। राज्य की राजधानी में अभी भी अशांति का माहौल है और सड़कों पर विरोध प्रदर्शनों के कारण मलबा फैला हुआ है।

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