‘दोपहर का सामना’ के संवाददाता प्रेम यादव के साथ एक विशेष साक्षात्कार में डॉ. यादवेंद्र यादव ने अपनी अभिनय यात्रा और सफलता के पीछे की कहानी साझा की। पेश हैं उसके कुछ अंश।
आपके अभिनय करियर की शुरुआत कैसे हुई?
मेरी शुरुआत कुछ अलग ही तरीके से हुई। डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद मैंने खुद की एक डीवीडी फिल्म ‘सुकून न पाया दिल’ बनाई। इस फिल्म में मुख्य किरदार इतना दमदार था कि मुझे धारावाहिक ‘एयर होस्टेस’ में स्थान मिल गया। इसके बाद तो फिल्मों और धारावाहिकों की भरमार लग गई।
आपके गांव मेहंदी से मुंबई तक का सफर कैसा रहा?
मेहंदी गांव में मेरा बचपन बीता और वहीं से मैंने अपनी इंटर तक की पढ़ाई की। डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मुंबई आया और यहीं पर मेरे अंदर छिपे कलाकार ने उबाल मारा। मेरे दादा जी सरपंच थे और मेरे पिता जी ने भी हमें हमेशा मेहनत और ईमानदारी की राह पर चलना सिखाया। मुंबई आने के बाद भी मेरे परिवार का पूरा समर्थन रहा, जिससे मुझे यहां तक पहुंचने में मदद मिली।
अब तक आपने कितनी फिल्म और धारावाहिक किए हैं?
अब तक मैंने १२५ भोजपुरी और हिंदी फिल्में, ५ वेब सीरीज, १५ स्टेज शो, ३० से ज्यादा टीवी सीरियल्स और कुछ एल्बम में भी काम किया है।
रवि किशन के साथ अपनी केमिस्ट्री के बारे में बताइए।
रवि किशन जी के साथ काम करने का अनुभव हमेशा ही शानदार रहा है। हमने ‘पियवा बड़ा सतावेला’, ‘शहंशाह’, ‘कसम तिरंगा की’ जैसी फिल्मों में एक साथ काम किया है। उनकी मेहनत और समर्पण से बहुत कुछ सीखने को मिला।
आपकी आने वाली फिल्में कौन-कौन सी हैं?
कई बड़ी फिल्में आने वाली हैं, जैसे ‘पंख’, ‘गॉड फादर’, ‘राजाराम’, ‘धनवान’, ‘देहाती बाबू’। इन फिल्मों की रिलीज का मुझे बेसब्री से इंतजार है।
कुछ प्रमुख किरदारों के बारे में बताइए।
मैंने कई प्रमुख किरदार निभाए हैं, जैसे कि ‘शहंशाह’ में गृहमंत्री, ‘गदर’ में मेजर खान, ‘रंगदारी टैक्स’ में मुख्यमंत्री, और ‘इलाहाबाद से इस्लामाबाद’ में विधायक। इन भूमिकाओं ने मुझे भोजपुरी फिल्मों में एक मजबूत पहचान दिलाई है।
अभिनय के अलावा आपका दूसरा जुनून क्या है?
अभिनय के अलावा, मैं एक डॉक्टर भी हूं। जब भी मुझे समय मिलता है, मैं मीरा रोड में अपने क्लिनिक और कुछ हॉस्पिटल में जाकर मरीजों की सेवा करता हूं।
आपकी सफलता का राज क्या है?
मेहनत, लगन और अपने परिवार का समर्थन। मैंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश की।
नई पीढ़ी के लिए आपकी क्या सलाह है?
सच्ची लगन और मेहनत से अगर प्रयास किया जाए तो निश्चित सफलता मिलती है। आने वाले युवाओं को मैं यही कहूंगा कि कला की तालीम के साथ हौसला और हिम्मत रखें।
अपने परिवार के बारे में कुछ बताइए।
मेरे पिता जी स्वर्गीय श्री राम लखन यादव सरपंच थे। मेरे तीन भाई हैं- सबसे छोटे भाई सत्येंद्र यादव मुंबई में नौकरी करते हैं और दूसरे नंबर के भाई देवेंद्र यादव गांव में प्रधान हैं।
अभिनय के अलावा अन्य क्षेत्रों में आपकी रुचि क्या है?
मुझे सामाजिक सेवा में भी रुचि है। मैं अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से भाग लेता हूं। मैं अपने गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए भी काम कर रहा हूं।
भोजपुरी सिनेमा को आप किस दिशा में जाते हुए देख रहे हैं?
भोजपुरी सिनेमा ने पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति की है। अब हमारे पास बेहतर कहानियां, उच्च उत्पादन मूल्य और व्यापक दर्शक वर्ग है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में भोजपुरी सिनेमा और भी ऊंचाइयों तक पहुंचेगा।
अपने प्रशंसकों को कोई संदेश देंगे?
मैं अपने प्रशंसकों को कहूंगा पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखें तथा उनसे पेड़-पौधे लगाने की अपील करता हूं। साथ ही अपने शब्दों को विराम देकर आपको धन्यवाद देता हूं।