• जिनपिंग ने सेना को दिया आदेश
• अमेरिका ने भी शुरू किया अभ्यास
एजेंसी / बीजिंग
चीन इस समय बौखलाया हुआ है। वजह है अमेरिका और ताइवान की नजदीकियां उसे परेशान कर रहीं हैं। ताइवान खुद को आजाद मुल्क बताता है तो चीन का कहना है कि वो उसका हिस्सा है। चीन, ताइवान के अस्तित्व को नकारता आया है और ड्रैगन हर हाल में उसके एकीकरण का सपना देखता है। वैसे तो दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद है, लेकिन ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन के हालिया अमेरिकी दौरे से चीन तिलमिलाया हुआ है। इसी तिलमिलाहट में उसने ताइवान के पास सैन्याभ्यास भी शुरू कर दिया है, जिसे वह युद्ध की तैयारी बता रहा है। दक्षिण चीन सागर में चीन और अमेरिका के बीच टकराव और ज्यादा बढ़ चुका है। अमेरिका और फिलीपींस ने अब तक का सबसे बड़ा जंगी युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। इसके बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को जंग के लिए अलर्ट कर दिया है। इससे दक्षिण चीन सागर (साउथ चाइना सी) में जंग छिड़ने का खतरा ज्यादा बढ़ चुका है। इस बीच चीनी राष्ट्रपति ने देश के सशस्त्र बलों को अपनी ट्रेनिंग एक असली जंग की तरह करने के लिए आदेश जारी किए है। यह जानकारी चीनी मीडिया ने बुधवार को दी।
चीन का ताइवान के पास आक्रामक जंगी अभ्यास
रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में चीनी आर्मी ने ताइवान के करीब आक्रामक तरीके से जंगी अभ्यास किया। एक नौसैनिक युद्धाभ्यास के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। इतना ही नहीं दक्षिणी चीन सागर में चीनी युद्धपोत लगातार अमेरिकी जंगी जहाजों पर निगरानी बनाए हुए हैं। इस तनाव के बीच शी जिनपिंग ने आर्म्ड फोर्सेज के दक्षिणी थिएटर कमांड का निरीक्षण किया और युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है।
चीनी राष्ट्रपति का चीनी नेवी को सख्त निर्देश
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने निरीक्षण के दौरान चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी, एसटीसी नेवी से कहा कि आर्म्ड फोर्सेज की ट्रेनिंग में तेजी लाया जाए और युद्ध के लिए तैयार रहें ताकि दक्षिणी चीन सागर के पूरे क्षेत्र की रक्षा करने में कोई चूक न हो।
ताइवान पर हमले का किया अभ्यास
चीन ने हाल में किए अपने मिलिट्री ड्रिल में ताइवान की नाकेबंदी करने और उसके प्रमुख टार्गेट पर हमला करने का अभ्यास किया। युद्धाभ्यास के बाद ताइवान के रक्षामंत्रालय ने कहा कि आधिकारिक तौर पर अभ्यास समाप्त होने के बाद भी उन्हें द्वीप के आसपास चीनी युद्धपोत और विमान रडार पर दिखे हैं। चीन ने हाल ही में कहा था कि ताइवान के मुद्दे में वह किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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अमेरिका ने शुरू किया युद्धाभ्यास
फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को अपना सबसे बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया, क्योंकि लंबे समय से सहयोगी इस क्षेत्र में बढ़ती चीनी मुखरता का मुकाबला करना चाहते हैं। लगभग १८,००० सैनिक फिलिपिनो में बालिकाटन, या ‘कंधे से कंधा’ नामक वार्षिक अभ्यास में भाग ले रहे हैं, जिसमें पहली बार दक्षिण चीन सागर में एक लाइव-फायर ड्रिल शामिल होगी, जिसका बीजिंग लगभग पूरी तरह से दावा करता है। बालिकाटन में ताइवान से लगभग ३०० किलोमीटर (१८० मील) दूर लुज़ोन के मुख्य द्वीप के उत्तरी सिरे पर फिलीपीन द्वीप पर उतरने वाले सैन्य हेलीकॉप्टर शामिल होंगे। यह पहली बार होगा जब राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस के तहत अभ्यास आयोजित किया गया है, जिन्होंने अपने पूर्ववर्ती रोड्रिगो दुतेर्ते द्वारा गठबंधन को तोड़ देने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करने की मांग की थी। इस अभ्यास के माध्यम स फिलीपीन और अमेरिकी सेना अंतर-संचालन क्षमता को तेज करेगी। दक्षता में वृद्धि करेगी और सहयोग के माध्यम से हमारी क्षमताओं का पूरक होगा।